‘मीडिया संवाद 2023’ के दूसरे संस्करण में मीडिया जगत के कई दिग्गजों ने रखे अपने विचार, पूरी रिपोर्ट

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (01 सितंबर 2023): दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में शुक्रवार को मीडिया शिखर सम्मेलन ‘मीडिया संवाद’ 2023 के दूसरे संस्करण का आयोजन हुआ। शिखर सम्मेलन का विषय ‘बदलते परिदृश्य में मीडिया: चुनौतियाँ और अवसर’ है। इसमें टेलीविजन, प्रिंट और डिजिटल मीडिया से जुड़े दिग्गजों का जमावड़ा लगा। वे मीडिया के भविष्य पर भी अपने विचार साझा किए।

शिखर सम्मेलन के बाद पुरस्कार वितरण किए गए। जहां e4m हिंदी पत्रकारिता में 40 वर्ष से कम आयु के शीर्ष 40 पत्रकारों को सम्मानित किया गया। इस सत्र में मुख्य अतिथि राज्य सभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह उपस्थित रहे।

दैनिक जागरण के संपादक विष्णु त्रिपाठी ने कहा कि ,” कोई भाषा कठिन नहीं होती है , भाषा सदैव अपरिचित होती है, शब्द । हम हिंदी वालों के साथ दुर्भाग्य ये है की हम भाषा को लेकर थोड़े जटिल होते हैं । जब हम किसी अंग्रेजी अखबार के शब्दों में अटकते हैं तो हम बड़े गर्व के साथ शब्दकोश का इस्तेमाल करते हैं । कभी नहीं कहते हैं की अंग्रेजी अखबार की भाषा कठिन है। हर पत्रकार का एक अलग अलग रूप होता है , उसे न्यूज रूम में कैसे पेश आना है, उसे समाज में कैसे पेश आना है । ”

अमर उजाला के संपादक विनोद अग्निहोत्री ने कहा कि, ये दौर अखबार के बाद टेलिविजन और अब सोशल मीडिया का दौर है। जिसमे मिडिया का पूरा विस्फोट हो गया है । अब इतनी स्वतंत्रता है कि फेसबुक और कई दूसरे प्लेटफार्म पर कोई कुछ भी लिख रहा है। इसमें ज्यादा संतुलन ज्यादा समझदारी और ज्यादा अध्ययन की जरूरत है। लेकिन बहुत दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि आज जो बच्चे पत्रकारिता कर रहे हैं उन्हें इतिहास को तो छोड़िए अभी किस चैनल के कितने संपादक हैं, कौन अखबार है, ये भी नहीं पता। नई पीढ़ी के सामने जो अध्ययन और समझदारी की चुनौती है इसे समझना चाहिए। ”

जन की बात के फाउंडर प्रदीप भंडारी ने कहा कि , ” अब ज्यादातर झुकाव डिजिटल की तरफ हो रहा है , और आने वाले सालों में और डिजिटल की तरफ ही होगा। बड़े-बड़े मीडिया हाउस भी डिजिटल की तरफ ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। हमें ज्यादा से ज्यादा ध्यान अपने कंटेंट के ऊपर देना चाहिए। और जनता के सामने कभी झूठ नहीं बोलना चाहिए । जनता के पास न्यूज़ ऑलरेडी पहुंच चुकी होती है लेकिन वह हमसे हमारा ओपिनियन जानना चाहती है । कुछ लोग आपके कंटेंट को अच्छा और कुछ लोग बुरा बोलेंगे हमारे संविधान के अनुसार भी दो पक्ष होते हैं। ”

कंसल्टिंग एडिटर जी न्यूज, दीपक चौरसिया ने कहा कि ,”मीडिया हमेशा से समय की जरूरत था , है , और रहेगा। युवा पीढ़ी को सबसे जरूरी चीज ये करना चाहिए कि आप खुद को आने वाले चुनौतियों के लिए कैसे तैयार कर सकते हैं। सीखना खत्म करेंगे तो उस दिन जीतना भी खत्म हो जाता है और सीखने की कोई उम्र नहीं होती ।
सभी पत्रकारों को आवश्यकता से अधिक आलोचना करने से बचना चाहिए । ”

एडिटर इन चीफ द लल्लन टॉप और इंडिया टुडे हिंदी ,सौरभ द्विवेदी ने कहा कि , “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस उनके लिए मददगार है जो इसका सही तरीके से इस्तेमाल करते हो । जो लोग न्यूज रूम में है उन्हे मशीन टूल्स सीखने पड़ेंगे। हमे व्यक्तिगत निर्माताओं पर विचार करना पड़ेगा । कंटेंट क्रिएटर एक सीमा में बंधे नही होते , वे स्वतंत्र रूप से हर मुद्दे पर अपनी बात रखते है । ”

एडिटर इन चीफ न्यूज 24 और चेयरपर्सन BAG फिल्म्स एंड मीडिया , अनुराधा प्रसाद ने अपने संबोधन में कहा कि , “चुनौतियों के बीच अगर आपको चलना हो तो आप डगमगा सकते है पर कोशिश कीजिए की आप गिरे नहीं। हम एक ऐसी दुनिया में रह रहे है जहां चुनौतियां तो होंगी ही , लेकिन अगर हम उससे लड़ नहीं सकते , समाजिक जिम्मेदारी उठा नहीं सकते तो हमे मिडिया में नहीं रहना चाहिए। अगर हमारे में जुनून ना हो तो इस क्षेत्र में नहीं आना चाहिए।