फ़िल्म न्यूटन की एक ऐसी कहानी है जो देश में वोटिंग के महत्व को दर्शाती है. फिल्म में राजकुमार राव ने बताया कि न्यूटन एक ईमानदार लड़का है। और वह ईमानदारी से काम करता है। जब उसको नक्सल इलाके में वोटिंग कराने की ज़िम्मेबारी सौंपा जाती है, क्योकि नक्सल अटैक की वजह से नक्सल इलाके में पहले कभी कोई वोटिंग सफल नहीं हो पाई है. राजकुमार किस तरह इमानदारी बेखौफ अंदाज में इस जिम्मेवारी को पूरा करते हैं इसी पर बेस्ड है न्यूटन की कहानी. फिल्म के बेहतरीन सीन्स और डायलॉग्स को शामिल किया गया है।
न्यूटन के माता पिता उसकी शादी करवाने के लिए लड़की वालों के घर जाते हैं जब न्यूटन को पता लगता है कि लड़की 9 पास है और नाबालिक है तो न्यूटन लड़की के घर सेनाराज होकर वापस आ जाता है
संजय मिश्रा न्यूटन से कहता है कि अम्बानी और मोदी दोनों एक साथ रहेंगे एक ही रिजेक्ट रिएक्शन करेंगे। न्यूटन ने हमें यह सिखाया है कि सब बराबर है।साथ ही संजय मिश्रा ने न्यूटन से पूछा आपकी प्रॉब्लम किया है न्यूटन कहा कि मेरी प्रॉब्लम है मेरी ईमानदारी है।
जब न्यूटन की ड्यूटी इलेक्शन कराने के लिए नक्सल एरिया में लगती है तो न्यूटन अपनी टीम के साथ हेलीकॉप्टर से वहा जाते है। क्योंकि नक्सल एरिया में वहां कभी वोटिंग नहीं हुई है
यहां फर्स्ट टाइम इलेक्शन कराना है
जब पोलिंग बूथ पर कोई भी वोट डालने के लिए नहीं आता है तो न्यूटन जब आर्मी के असिस्टेंट कमांडेड कहते है की मैं लिख कर देता हूं कोई नहीं आएगा वोट देने जब न्यूटन कहता है कि आप लिख कर दीजिए कोई नहीं आएगा वोट डालने
आत्मा सिंह असिस्टेंट कमांडेंट 12:00 बजे तक वोट डलवा देता है। उसके बाद पोलिंग बूथ पर आए सभी कर्मचारियों से खाना के लिए बोलते हैं। खाना खाते समय फायरिंग शुरू हो जाती है। तो आत्मा सिंह वहां पर फायरिंग शुरू हो जाती है न्यूटन को बोलते हैं कि सारा कुछ बंद करके निकलो
जब न्यूटन वहां से मशीन कपडे लपेट कर निकलते हैं और उनके साथ में एक टोली भी आर्मी की जाती है जब वायरलेस पर न्यूटन को वोटिंग करने आये लोगो का पता चलता है तो न्यूटन वापस पोलिंग बूथ की ओर चलते है तो आर्मी के लोग उन्हें जाने नहीं देते। न्यूटन और आर्मी के साथ झगड़ा होता है तो न्यूटन आर्मी के ये के फोर्टी सेवन छीन लेते है और वोटिंग करते है। उस क्षेत्र में वोटिंग कराने से न्यूटन को इमानदारी का अवार्ड भी मिलता है