टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (23 अगस्त 2023): अंतरिक्ष में भारत की बादशाहत बरकरार है। भारत एकबार फिर कीर्तिमान रचने जा रहा है, बस कुछ ही देर के बाद भारत का चंद्रयान-3 चंद्रमा की सतह पर उतरेगा। इसके साथ ही चंद्रमा के दक्षिणी सतह पर यान उतारने वाला भारत पहला देश बन जाएगा।
चंद्रयान -3 की पूरी डिटेल्स
चंद्रयान -3 चंद्रयान -2 का ही अनुवर्ती मिशन है। इसमें लैंडर और रोवर रोबोट शामिल है। इसे SDSC SHAR, श्रीहरिकोटा द्वारा LVM3 लॉन्च किया गया।
चंद्रयान -3 मिशन के उद्देश्य
• चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित और प्राकृतिक आकर्षण का प्रदर्शन करना।
• रोवर को चंद्रमा पर चित्रित किया गया है।
• यथास्थान वैज्ञानिक प्रयोगों का संचालन।
बनावट
चंद्रयान -3 के तीन प्रमुख हिस्से हैं- प्रोपल्शन मॉड्यूल, विक्रम लैंडर, प्रज्ञान रोवर।
इसका प्रोपल्शन मॉड्यूल संचार रिले उपग्रह की तरह व्यवहार करेगा। प्रोपल्शन मॉड्यूल लैंडर और रोवर युक्त ढांचे को तब तक अंतरिक्ष में ढकेलता रहेगा जबतक की अंतरिक्ष यान 100 किमी वाली चंद्रमा की कक्षा में ना पहुंच जाए।
लागत
दिसंबर 2019 में बताया गया कि इसरो ने परियोजना की प्रारंभिक फंडिंग के लिए 75 करोड़ का अनुरोध किया था। जिसमे 60 करोड़ मशीनरी, उपकरण एवं अन्य पूंजीगत व्यय की पूर्ति के लिए होगा जबकि शेष 15 करोड़ राजस्व व्यय मद में मांगा गया है। परियोजना के अस्तित्व की पुष्टि करते हुए इसरो के पूर्व अध्यक्ष के. सिवन ने कहा कि लागत लगभग 615 करोड़ होगी।।