टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (20 अगस्त 2023): कैंसर एक ऐसी घातक बीमारी है जो किसी भी उम्र में हो सकती है। इससे ना सिर्फ मरीज को बल्कि पूरा परिवार को सफर करना पड़ता है। वहीं इस बीमारी को लेकर आए दिन स्टडी होते रहते हैं। इसी कड़ी में दिल्ली एम्स की ओर से कैंसर पर स्टडी की गई है, जो चिंता पैदा कर दी है। एम्स ने यह स्टडी दिल्ली के पुरूषों और महिलाओं पर की है। इसमें पाया गया है कि शहर में 40 साल से कम उम्र की करीब 30 फीसदी महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर की शिकायत है। तो वहीं पुरुषों को सबसे ज्यादा फेफड़े की कैंसर की शिकायत है।
एम्स द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, साल 2015 में 35 महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर था। तो वहीं एक लाख लोगों में से 17 पुरुषों को फेफड़ों का कैंसर था। इस आंकड़े में सात सालों में ब्रेस्ट कैंसर के मरीजों की संख्या में 35.9 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, जो 2, 657 से 3,611 पहुंच गई है। तो वहीं फेफड़ों के कैंसर में पुरुष मरीजों की संख्या 2015 में 1207 से बढ़कर 2022 में 1734 हो गई। इसे लेकर इंस्टीट्यूट रोटरी कैंसर हॉस्पिटल (IRCH) एम्स में जनसंख्या आधारित कैंसर रजिस्ट्री विभिन्न स्रोतों-182 सरकारी/निजी अस्पतालों और 250 नर्सिंग होम और नई दिल्ली नगर समिति और दिल्ली नगर निगम के सांख्यिकी विभाग से कैंसर पीड़ितों पर डेटा एकत्र किया जाता है।
एम्स में सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के प्रोफेसर एमडी रे ने बताया कि 30 प्रतिशत ब्रेस्ट कैंसर 40 साल से कम उम्र की महिलाओं में पाए जाते हैं और यह संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है। इसका मुख्य कारण जीवन शैली में धूम्रपान, शराब पीना, हाई फैट डाइट, देर से सोना, देर से उठना और गतिहीन जीवन आदि है। ताजे फलों और सब्जियों के बजाय कैलोरी युक्त फास्ट फूड का विकल्प चुनने की बढ़ती प्रवृत्ति भी चिंता का कारण है। उन्होंने बताया कि एक असंतुलित जीवन शैली निश्चित रूप से कैंसर का कारण बन सकती है।
प्रोफेसर एमडी रे ने बताया कि प्रदूषित हवा भी कैंसर का कारण बन सकता है। मेट्रो शहरों में प्रदूषण का स्तर लगातार तेजी से बढ़ रहा है , जो लोगों को खतरे में डाल रहा है। धूम्रपान न करने वाले लोग भी प्रदूषित हवा की वजह से कैंसर का शिकार हो रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि ‘बाथरूम क्लीनर, उर्वरक या कीटनाशकों जैसे रसायनों के अधिक संपर्क में आने से लोगों को कैंसर का खतरा हो सकती है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, साल 2020 में दिल्ली में 14,057 कैंसर से संबंधित मौतें हुई हैं, जबकि 2021 में 14,494 मौतें और 2022 में 14,917 मौतें हो हुई हैं।
प्रोफेसर एमडी रे ने बताया कि कैंसर को रोका जा सकता है। हम निश्चित रूप से कुछ कैंसर पैदा करने वाले एजेंटों से दूर रह सकते हैं। लेकिन हम सचेत नहीं हैं। अगर आप कैंसर से बचना चाहते हैं तो समय से उठें और व्यायाम करें। ध्यान रहे हाई कैलोरी वाला भोजन करने से बचें। साथ ही उन्होंने कहा कि कोशिश करें मानसिक तनाव न लें और झगड़ा से बचें। अगर किसी को कैंसर हो जाता है तो पहले चरण में ही इलाज करना शुरू कर दें। क्योंकि पहले चरण में ठीक होने की संभावना अधिक रहता है।