नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज नोटबंदी तथा जीएसटी के अफरातफरी में किए गए कार्यान्वयन पर निशाना साधा और जीडीपी वृद्धि पर इनके प्रतिकूल प्रभावों के प्रति आगाह किया. सिंह का कहना है कि प्रचलित मुद्रा के 86 प्रतिशत हिस्से की नोटबंदी और जीएसटी के ‘अफरातफरी’ में कार्यान्वयन से असंगठित व लघु क्षेत्र प्रभावित हुए हैं जिनका 2500 अरब डालर की अर्थव्यवस्था में लगभग 40 प्रतिशत हिस्सा है. उल्लेखनीय है कि सिंह इससे पहले भी नोटबंदी के कारण जीडीपी पर दो प्रतिशत तक के प्रतिकूल असर को लेकर आगाह कर चुके हैं.
मनमोहन सिंह ने अब एक टीवी चैनल से कहा है, ‘नोटबंदी व जीएसटी दोनों का जीडीपी वृद्धि पर कुछ असर हुआ है. इन दोनों का असर अनौपचारिक क्षेत्र, लघु क्षेत्र पर होगा … इन क्षेत्रों का जीडीपी में 40 प्रतिशत हिस्सा है.’ उन्होंने कहा कि भारत के रोजगार का 90 प्रतिशत हिस्सा असंगठित क्षेत्र में है.
उन्होंने कहा,‘ 86 प्रतिशत मुद्रा को वापस लिया जाना और जीएसटी चूंकि इसका कार्यान्वयन अफरातफरी में किया गया है, से अनेक तरह की त्रुटियां अब सामने आने लगी हैं. इनका जीडीपी वृद्धि पर प्रतिकूल असर पड़ना तय है.’
उल्लेखनीय है कि नोटबंदी की घोषणा के कुछ ही दिन बाद पिछले साल 25 नवंबर को संसद में सिंह ने नोटबंदी को ‘ऐतिहासिक कुप्रबंधन’ व ‘संगठित लूट’ करार दिया था. उन्होंने कहा था कि इससे जीडीपी वृद्धि दर को दो प्रतिशत का नुकसान होगा.
मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर तीन साल के निचले स्तर 5.7 प्रतिशत पर आ गई. जनवरी मार्च तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 8 प्रतिशत से घटकर 6.1 प्रतिशत रही. सरकार का कहना है कि जीएसटी के कार्यान्वयन से पहले कंपनियों द्वारा ‘माल निकाले जाने’ के कारण जीडीपी वृद्धि दर में गिरावट दर्ज की गई.