भारत संघ की भाषा हिंदी है तो कार्य भी हिंदी में होने चाहिए : कामेश्वर नाथ मिश्रा, अधिवक्ता, उच्चतम न्यायालय

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (17 अगस्त 2023): सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा उच्चतम न्यायालय के परिसर में स्वतंत्रता दिवस समारोह का भव्य आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डॉ. डी.वाई. चंद्रचूड़ मुख्य अतिथि के तौर पर और केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल विशिष्ट अतिथि के तौर पर मौजूद रहे। साथ ही सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ आदिश सी अग्रवाला; सुकुमार पट्टजोशी उपाध्यक्ष, एससीबीए ; आर. वेंकटरमणि भारत के अटॉर्नी जनरल भी मौजूद रहे ।

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह में भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डॉ डीवाई चंद्रचूड़ एवं केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने अपने संबोधन में बेहतर न्याय व्यवस्था के लिए कई प्रस्ताव और विचार भी साझा किए । इन अतिथियों के संबोधन पर टिप्पणी करते हुए उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ता तथा भारतीय भाषा अभियान के प्रमुख कामेश्वर नाथ मिश्रा ने टेन न्यूज से विशेष बातचीत में कहा कि,” प्रधानमंत्री ने लाल किले से कहा है सर्वोच्च न्यायालय के फैसले की कॉपी मातृभाषा में दी जाएगी । सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश ने भी कहा कि न्यायालय की कॉपी 22 भाषाओं में दी जाएगी। 2017 में मैसूर उच्च न्यायालय की 50वीं वर्षगांठ पर राष्ट्रपति ने कहा था कि जनता जिस बात को समझती है उसी भाषा में न्याय दिया जाना चाहिए। ”

साथ ही कहा ” भारत के संविधान में अनुसूची आठ में कुल 22 भाषाएं हैं जिसमें अंग्रेजी नहीं है। इसके पश्चात भी सभी न्यायालय में अंग्रेजी में कार्य हो रहे हैं। आर्टिकल 348 में कहा गया है कि उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय की भाषा अंग्रेजी होगी जबकि आर्टिकल 343 में कहा गया है कि भारत संघ की भाषा हिंदी होगी। भारत संघ की भाषा हिंदी है तो कार्य भी हिंदी में होने चाहिए। उच्च न्यायालय की कार्रवाई राज्य भाषा में होनी चाहिए इस कार्य में भारतीय भाषा अभियान गत कई वर्षों से लगी हुई है। ”

उन्होंने ये भी बताया कि, ” 18 और 19 अगस्त को गुजरात में सरदार वल्लभभाई पटेल की मूर्ति के सामने हम सारे अधिवक्ता इकट्ठा हो रहे हैं और वहां सारे भाषा के जानने वाले लोग भी उपस्थित होंगे। न्यायालय में राज्य भाषा और विधि की शिक्षा मातृभाषा में हो इस विषय पर एक चर्चा होने जा रहा है। ”

बता दें कि उक्त अवसर पर कई न्यायाधीश एवं वरिष्ठ अधिवक्ता उपस्थित रहे।।