दिल्ली विधानसभा सत्र शुरू होते ही मचा हंगामा, बीजेपी ने केजरीवाल पर लगाया तानाशाही का आरोप

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली, (16/08/2023): दिल्ली के भाजपा विधायकों ने आरोप लगाया है कि एक तरफ तो आम आदमी पार्टी संसद से निकाले जाने पर अपने सदस्यों को लेकर शोर मचा रही है और दूसरी तरफ दिल्ली विधानसभा में खुद ही पिछले नौ सालों से लोकतंत्र की हत्या कर रही है। दिल्ली विधानसभा के पिछले तीन वर्षों में 16 सत्रों में 35 बार भाजपा विधायकों को सदन से बाहर निकाल दिया गया। यहां तक कि भाजपा विधायकों को विधानसभा की बैठक में शामिल होने के लिए अदालतों की शरण में जाना पड़ा।

दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि वर्तमान विधानसभा के कार्यकाल में आज तक भाजपा के विधायकों के किसी भी नोटिस पर चर्चा नहीं कराई गई। यहां तक कि नोटिस पर चर्चा के लिए मंजूरी देने के बावजूद उन्हें जनहित के मामले सदन में नहीं उठाने दिए गए। यदि विधायक नियमानुसार अपनी सीट से ही यह पूछते हैं कि उनके भेजे गए नियमानुसार नोटिस पर चर्चा क्यों नहीं कराई जा रही तो उन्हें सदन से बाहर निकाल दिया जाता है, मार्शलों को बुलाकर कंधों पर उठाकर बाहर कर दिया जाता है या फिर सदन से निलंबित कर दिया जाता है।

भाजपा के सदस्यों को सदन की बैठक में शामिल होने के लिए अदालत का सहारा लेना पड़ता है। इसी साल बजट अधिवेशन से 21 मार्च को विजेंद्र गुप्ता को एक सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया था। उन्हें माननीय उच्च न्यायालय में फरियाद करनी पड़ी और उच्च न्यायालय ने निलंबन रद्द किया गया और वह सदन में आ सके। बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली विधानसभा में लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है और जानबूझ कर सत्रावसान नहीं किया जाता। अगर किसी विधायक को एक सत्र के लिए निलंबित किया जाता है तो फिर सत्रावसान न करने के लिए सालों तक विधायक सदन से बाहर रहते हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि भाजपा विधायक ओमप्रकाश शर्मा को 31 मार्च 2016 को दो सत्रों के लिए निष्कासित किया गया लेकिन डेढ़ साल से अधिक समय तक वह सदन से बाहर रहे क्योंकि सत्रावसान ही नहीं किया गया था।

रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली में सरेआम लोकतंत्र की हत्या तो है ही, उस क्षेत्र की जनता की जनता के मताधिकार का भी अपमान है जिन्होंने उन विधायकों को चुनकर भेजा है क्योंकि वे विधायक विधानसभा में अपने क्षेत्र का न प्रतिनिधित्व कर पाते हैं और न ही क्षेत्र की समस्या की बात कर पाते हैं। पिछले कार्यकाल में 2015 से 2020 तक आप सरकार ने 49 बार भाजपा विधायकों को सदन से बाहर निकलवाया।।