टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (12 अगस्त 2023): यूजीसी के चेयरमैन का पुतला दहन कर अपना विरोध दर्ज करवाने वाले BHU के छात्रों के अनुसार काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU), जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU), दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) के साथ बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर विश्वविद्यालय (BBAU) में पीएचडी की संयुक्त प्रवेश परीक्षा को अंग्रेजी भाषा में करवाए जाने का निर्णय लिया गया है। छात्रों के अनुसार इन चार केंद्रीय विद्यालय में पीएचडी की प्रवेश परीक्षा केवल अंग्रेजी भाषा में होने से हिंदी भाषीय छात्रों को काफी कठिनाई होगी। इस निर्णय को वापस लेने कि मांग करते हुए छात्रों ने बीएचयू से प्रतिकार मार्च निकाला। इस दौरान छात्रों ने यूजीसी चेयरमैन के साथ चार मुख्य केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपति के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में छात्रों ने पीएचडी प्रवेश परीक्षा का माध्यम अंग्रेजी करने पर विरोध जताया। छात्रों ने सिंह द्वार से रविदास गेट तक प्रतिकार मार्च निकालकर यूजीसी चेयरमैन और चारों केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपति के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इसके बाद छात्रों ने यूजीसी चेयरमैन का पुतला जलाया। विरोध प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने कहा कि यूजीसी व राष्ट्रीय एजेंसी की संयुक्त शोध प्रवेश परीक्षा में देश के चार केंद्रीय विश्वविद्यालय शामिल हैं। प्रवेश परीक्षा के प्रश्नपत्र का माध्यम केवल अंग्रेजी प्रस्तावित कर हिंदी भाषी विद्यार्थियों की अनदेखी की गई है। हिंदी भाषा का अपमान नहीं सहा जाएगा
उन्हकने कहा कि हिंदी को नजरअंदाज करने का यह दुस्साहस देश के लिए हितकारी नहीं होगा। हिंदी भाषा का अपमान नहीं सहा जाएगा। देश की भावना के साथ खिलवाड़ किया गया है। सभी छात्र इसका विरोध करेंगे। मांग है कि इस फैसले को जल्द से जल्द वापस लिया जाए।।