टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (11 अगस्त 2023): अविश्वास प्रस्ताव पर संसद में पीएम मोदी ने कई अहम बातें कही। पीएम मोदी ने विपक्ष को खूब निशाने पर लिया। पीएम ने कहा कि विपक्ष ने अविश्वास की आड़ में जनता का आत्म-विश्वास तोड़ने की विफल कोशिश की है। उन्होंने कहा कि हमने भारत के युवाओं को घोटालों से रहित सरकार दी है, खुले आसमान में उड़ने का हौसला और अवसर दिया है। हमने दुनिया में बिगड़ी साख को भी संभाला है और उसे नई ऊंचाइयों पर ले गए हैं। पीएम मोदी ने कहा कि 21वीं सदी का यह कालखंड भारत के लिए हर सपने सिद्ध करने का अवसर देने वाला महत्वपूर्ण समय है, इस कालखंड का प्रभाव एक हजार साल तक रहने वाला है।
पीएम मोदी शाम को 5 बजकर 8 मिनट पर अविश्वास प्रस्ताव पर जवाब देने के लिए भाषण शुरू किए। पीएम के भाषण के करीब डेढ़ घंटे बाद 6.40 पर विपक्ष ने सदन से वॉक आउट किया। विपक्ष के सदन से बाहर जाते ही पीएम मोदी ने मणिपुर पर बोलना शुरू कर दिया।पीएम के भाषण में 29 बार मणिपुर शब्द का जिक्र आया। पीएम का भाषण 2 घंटे 12 मिनट तक चला। पीएम मोदी के भाषण के दौरान 98 बार तालियां बजीं। वहीं, भाषण के दौरान 22 मौके ऐसे आए जब सदन में ठहाके लगे। पीएम के भाषण के दौरान 13 बार टोकाटोकी भी हुई। सदन में पीएम मोदी के भाषण के दौरान शरीर का कण-कण, जिगर का टुकड़ा जैसे शब्दों के प्रयोग पर मोदी-मोदी के नारे भी लगे।
पीएम मोदी ने कहा कि मैं मणिपुर के लोगों, माता, भाइयों, बहनों से कहना चाहूंगा कि देश आपके साथ है। यह सदन आपके साथ है। हम सब मिलकर इस चुनौती का समाधान निकालेंगे। मणिपुर विकास की राह पर आगे बढ़ेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि मणिपुर में अदालत का फैसला आया अब उसके पक्ष-विपक्ष में जो परिस्थितियां बनीं उसमें हिंसा का दौर शुरू हुआ। महिलाओं के साथ गंभीर अपराध हुए और यह अपराध अक्षम्य है और दोषियों को कड़ी से कड़ी सज़ा दिलाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार कोशिश कर रही है। जिस तरह से प्रयास चल रहे हैं, करीबी भविष्य में शांति का सूरज जरूर उगेगा। पीएम ने कहा कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलवाने के लिए राज्य और केंद्र दोनों सरकारें हर संभव कोशिश कर रही हैं। मैं लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि आने वाले समय में मणिपुर में शांति बहाल होगी। मैं मणिपुर की महिलाओं और बेटियों सहित मणिपुर के लोगों से कहना चाहता हूं कि देश आपके साथ है।
पीएम मोदी ने कहा कि विपक्ष के लोगों को सीक्रेट वरदान मिला हुआ है। ये लोग जिसका बुरा चाहेंगे, उसकी भलाई ही होगी। मैं तीन उदाहरण से ये सीक्रेट वरदान को सिद्ध कर सकता हूं। उन्होंने कहा कि इन लोगों ने बैंकिंग सेक्टर के लिए कहा था। देश बर्बाद हो जाएगा न जाने क्या-क्या कहा था। बड़े-बड़े विद्वानों को विदेशों से ले आते थे। ताकि उनकी बात कोई न माने तो उनकी मान ले। जब इन्होंने बैंकों का बुरा चाहा तो हुआ क्या हमारी सरकारी बैंकों का नेट प्रॉफिट दोगुने से ज्यादा हो गया।
पीएम मोदी ने कहा कि जब हम कहते हैं कि तीसरे टर्म में हम तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने वाले हैं, तो विपक्ष का काम था कि वो सवाल पूछता कि ऐसा कैसे होगा। या फिर कोई सुझाव दे सकते थे। या फिर कहते हैं हम चुनाव में जनता के बीच जाते और कहते कि ये तीसरे की बात करते हैं, हम तो नंबर एक पर ले आएंगे। पीएम ने कहा कि कांग्रेस के लोग क्या कह रहे हैं। क्या अनुभवहीन बातें कह रहे हैं कि ये तो ऐसे ही नंबर तीन पर पहुंच जाएगी। कांग्रेस की माने अगर सबकुछ अपने आप ही होने वाला है, इसका मतबल है कि कांग्रेस के पास न नीति है, न नीयत है, न वैश्विक अर्थव्यवस्था की समझ है।
दो घंटे से अधिक समय के भाषण के दौरान कांग्रेस लगातार पीएम मोदी से मणिपुर पर चर्चा करने को कहता रहा। वहीं इस बीच जब कांग्रेस के सांसद वॉक आउट करने लगे तो पीएम मोदी ने निशाना साधते हुए कहा कि जिनका भरोसा नहीं होता है, वो सुनाने के लिए तो तैयार होते हैं, लेकिन सुनने का धैर्य नहीं होता है। असत्य बोलो भाग जाओ, झूठ फैलाओ भाग जाओ। यही इनका खेल है। देश इनसे अपेक्षा ज्यादा नहीं कर सकता है। अगर इन्होंने गृहमंत्री की मणिपुर की चर्चा पर सहमति दिखाई होती तो अकेले मणिपुर विषय पर विस्तार से चर्चा हो सकती थी। हर पहलू पर चर्चा हो सकती थी। लेकिन उनको चर्चा में रस नहीं था।।