‘भाजपा के मंत्री और सांसदों पर विशेषाधिकार का मामला’: आप नेता सौरभ भारद्वाज

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (08 अगस्त 2023): दिल्ली सेवा बिल सोमवार को राज्यसभा से भी पास हो गया है। लेकिन इस दौरान आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चढ़ा घिरते हुए नजर आ रहे हैं। उन पर फर्जी हस्ताक्षर कराने का आरोप लगा है। इस पर आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने ट्विटर पर अपना वीडियो शेयर कर भारतीय जनता पार्टी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर आरोप लगाते हुए कहा कि राहुल गांधी की तरह राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा की भी सदस्यता लेना चाहते हैं।

उन्होंने वीडियो में कहा कि “संसद में यह कहा जाना कि राघव चड्ढा के द्वारा झूठे हस्ताक्षर किए गए हैं। यह सरासर झूठ और गलत है। किसी भी सांसद के हस्ताक्षर की जरूरत उस मोशन पर नहीं होती और ना उस पर कोई हस्ताक्षर थे। यह जानते हुए भारतीय जनता पार्टी के मंत्रियों और सांसदों ने संसद में असत्य बात कही, संसद की प्रणाली के विषय में एक झूठ बात पूरे देश को बताई गई। यह अपने आप में एक बहुत बड़ा और गंभीर विशेषाधिकार का मामला है, जिसमें भारतीय जनता पार्टी के मंत्रियों और सांसदों पर विशेषाधिकार का मामला निश्चित रूप से बनता है।”

उन्होंने भारतीय जनता पार्टी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर आरोप लगाते हुए कहा कि “बीजेपी और गृहमंत्री राघव भाई से इतना परेशान है कि जिस तरीके से राहुल गांधी की सदस्यता को लिया गया, कोशिश कर रहे हैं कि राघव चड्ढा की भी सदस्यता खत्म किया जाए। यह बहुत शर्म की बात है। ये लोग बहुत ताकतवर हैं। कुछ भी कर सकते हैं। पर हम इनसे नहीं डरते। ये अगर राघव की सदस्यता लेते हैं तो राघव फिर से चुन कर आ जाएँगे।”

दरअसल दिल्ली सेवा बिल को सिलेक्ट कमेटी के पास भेजे जाने को लेकर आप सांसद राघव चड्ढा सदन के अंदर एक प्रस्ताव लेकर आए थे। इस प्रस्ताव पर पांच ऐसे सांसदों के हस्ताक्षर हैं जिनका दावा है कि उन्होंने इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर नहीं किए है और उन्हें पता नहीं है कि इस प्रस्ताव में उनका नाम कैसे शामिल हुआ है। जिन पांच सांसदों ने ये दावा किया है कि प्रस्ताव पर उनके हस्ताक्षर फर्जी थे उनमें बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी, नरहरि अमीन, पी कोन्याक, बीजेडी सांसद सस्मित पात्रा और एआईडीएमके सांसद थम्बी दुरई का नाम शामिल है। तो वहीं राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने इन शिकायतों की जाँच के आदेश दिए हैं।