टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली, (07 अगस्त 2023): 6 अगस्त, रविवार को नई दिल्ली के लक्ष्मीनगर में कोमल खुशवानी कला सभ्यता द्वारा कथक के पर्याय कहे जाने वाले, ‘कथक सम्राट’ से विभूषित पंडित बिरजू महाराज को श्रद्धांजलि अर्पित करने हेतु भव्य कथक नृत्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उक्त कार्यक्रम में बाल एवं युवा कथक कलाकारों ने अद्भुत एवं मोहक कथक नृत्य की प्रस्तुति दी।
कथक नृत्य कार्यक्रम में प्रतिभाग करने वाले बच्चों में काव्या, देवांशी, शिवांशी, कनिष्ठा, अन्वी, गरिमा, मान्या, मीराया, सीरत, लावण्या, काशवी, संस्कृति, संस्कृति, माधवी, युविका, नंदिनी, वृत्ति, आद्या, परिधि हैं। इन सभी नौनिहालों ने अपनी अद्भुत प्रस्तुति दी। उक्त कार्यक्रम का आयोजन मशहूर एवं ख्वाति प्राप्त कथक नृत्यांगना कोमल खुशवाणी के कुशल निर्देशन में हुआ।
इस मौके पर कोमल खुशवानी ने टेन न्यूज से खास बातचीत में बताया कि , ” हमारा उद्देश्य कथक के शुद्ध स्वरूप को आगे बढ़ाना है , और बच्चे हमारी संस्कृति को समझे और इससे जुड़े रहे। इस संस्था से बच्चों को आगे की शिक्षा दी जाएगी । आज के कार्यक्रम में हमने पंडित बिरजू महाराज जी को श्रद्धांजलि दी । मैंने नृत्य सीखना 3 वर्ष की आयु से शुरू कर दी थी। मैं पिछले 10 वर्ष से इस संस्थान को चला रही हूँ और बहुत सारे बच्चे इस संस्थान से जुड़े हुए हैं। इस संस्थान के जरिए हम कथक को प्रमोट करते हैं और लगातार वर्कशॉप करते हैं। ”
कोमल खुशवानी दिल्ली में स्थित एक पेशेवर रूप से प्रशिक्षित कथक नृत्यांगना हैं। आप बिरजू महाराज परंपरा की हिस्सा रही हैं और उन्होंने पूरे भारत में अपनी प्रस्तुतियां दी है। उन्होंने विभिन्न आयु वर्ग के बाल एवं युवा कलाकारों को प्रशिक्षित किया है और विभिन्न कथक कार्यशालाएँ भी आयोजित की है। कोमल खुशवानी SPIC MACAY की पैनल में कलाकार भी हैं और उन्होंने सरकारी कला संस्थाओं के साथ भी काम किया है। आप कथक केंद्र नई दिल्ली की लगातार टॉपर रही हैं और आप को संगीत नाटक अकादमी नई दिल्ली से छात्रवृत्ति भी मिली है।आप दिल्ली दूरदर्शन की ग्रैडेड कलाकार हैं । आप राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन, शिक्षण और कार्यशाला लगातार आयोजित कर रही हैं
कोमल खुशवानी गुरु पं. जय किशन महाराज की सबसे वरिष्ठ शिष्या हैं। वह पिछले 10 वर्षों से बच्चों को कथक नृत्य का प्रशिक्षण दे रहीं हैं। उनकी सशक्त मंच पर उपस्थिति, एवं अद्भुत प्रस्तुति दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देती है। वह एक बेहतरीन कलाकार होने के साथ-साथ प्रभावी शिक्षिका भी हैं। उन्होंने कई कलाकारों को हमारी प्राचीन पारंपरिक कला को उसके शुद्धतम रूप में सीखने के लिए प्रेरित किया है।
आज के पाश्चात्य संस्कृति के प्रभाव के युग में उनका मानना है कि शास्त्रीय नृत्य प्रशिक्षण युवा पीढ़ियों को पारंपरिक मूल्यों को सिखाने का एक सहज तरीका है। इसलिए कोमल खुशवानी ने कला सभ्यता भारतीय शास्त्रीय कला केंद्र को स्थापित किया है ।यह दिल्ली के लक्ष्मी नगर में स्थित भारत सरकार के अधीन एक मान्यता प्राप्त संस्थान है। यहाँ कक्षाएं ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रदान की जाती है। प्रयाग संगीत समिति प्रयागराज से सम्बद्ध प्रयाग संगीत समिति प्रयागराज द्वारा नियमित परीक्षाएं संचालित की जाती हैं। छात्रों को बढ़ावा देने और प्रदर्शन करते समय उनका आत्मविश्वास विकसित करने के लिए स्टूडियो में प्रस्तुतियां नियमित रूप से आयोजित की जाती है।।