टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (01 अगस्त 2023):
नृत्य जीवन की कला है, नृत्य अनुराग है मन का,
नृत्य है प्रेम ईश्वर का, नृत्य है भाव इस तन का।
मन को उन्माद से भर के,करो अल्हाद में तुम कृत्य,
नृत्य करता है दिल पावन,नृत्य आनन्द जीवन का।।
शास्त्रीय नृत्य वो नृत्यकला है जिसके सिद्धांत, औचित्य, प्रशिक्षण आदि एक सीखने वाले को प्राचीन भारतीय परम्पराओं से जोड़ता है। प्राचीन काल से ही इसके सीखने और सिखाने का प्रचलन रहा है जिससे गुरु शिष्य परंपरा की शुरुआत हुई। बात यदि भारतवर्ष में नृत्य उद्भव की की जाए तो ये वैदिक काल से चला आ रहा है। वेदों में ईश्वरीय सत्ता के पक्ष में कई नाटक हुआ करते थे, जिसमे ईश्वर को प्रसन्न करने के लिए न सिर्फ़ मन्त्रों का उच्चारण और गायन था बल्कि इसके साथ-साथ संवाद एवं नृत्य भी हुआ करते थे।
इसी परिप्रेक्ष्य में ब्रह्मवैदिनी : वैदिक वूमेन ऑफ़ विजडम कार्यक्रम का आयोजन होने जा रहा है। एक बहुत सुंदर चिंतन मंथन के पश्चात तैयार किए कार्यकर्म को देखने हेतु शास्त्रीय संगीत एवं नृत्य में रुचि रखनेवाले श्रोता इस कार्यक्रम का आनंद उठायेंगे । जो की पद्मभूषण गुरु स्वप्नसुंदरी जी द्वारा संकल्पित एवं निदेशित है। वैदिक काल के 6 भिन्न भिन्न ऋषिकाओं को अभियुक्त करने करनेवाली 6 नृत्यांगनाएं अपनी अपनी नृत्य शैली को प्रदर्शित करेंगे।
मौमाला नायक, घोसा के रूप में; कनका सुधाकर , गार्गी के रूप में ; संगीता शर्मा, रोमाशा के रूप में ; कविता द्विवेदी , अपाला अत्रेयी के रूप में ; दीप्ति ओमचेर्य भल्ला, मैत्रेई के रूप में ; स्वप्नसुंदरी, लोपामुद्रा के रूप में अपनी नृत्य कलाओं की प्रस्तुति देंगी ।
10 और 11 अगस्त 2023 को शाम 06:30 से 08:30 तक सिविल सर्विसेज ऑफिसर्स इंस्टीट्यूट ऑडिटोरियम , विनय मार्ग, चाणक्यपुरी , न्यू दिल्ली में आयोजन होगा। इस कार्यक्रम में बतौर दर्शक शामिल होने के लिए नीचे दिये लिंक पर रजिस्ट्रेशन आवश्यक है ।