टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (30 जुलाई 2023): कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने पेट्रोल-डीज़ल के दाम को लेकर मोदी सरकार पर हमला किया है। उन्होंने कहा कि सरकार को महंगाई से त्रस्त जनता को राहत देना चाहिए लेकिन वह पेट्रोल-डीज़ल पर निर्दयी तरीक़े से टैक्स लगाकर जनता को लूट रही है। साथ ही उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले 1 साल में कच्चा तेल 35% सस्ता हुआ है लेकिन पेट्रोल-डीज़ल के दाम कम नहीं किए गए। यहां सरकार सिर्फ़ ख़ुद मुनाफ़ा नहीं कमा रही, अपने पूंजीपति मित्रों को भी लूट की छूट दे रखी है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्विटर पर रविवार को इससे संबंधित अपना बयान शेयर किया है।
जयराम रमेश ने अपने बयान में कहा है कि “देशवासी महंगाई और बेरोज़गारी की मार झेलते हुए आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं, मगर भाजपा सरकार देशवासियों की खून-पसीने की कमाई लूटने में लगी है। कच्चे तेल की कीमत कम होने के बावजूद उसका लाभ देशवासियों को देने की बजाए मोदी सरकार पेट्रोल और डीजल पर निर्दयी तरीके से टैक्स लगाकर और सस्ते तेल को महंगे में बेचकर मुनाफाखोरी कर रही है।”
साथ ही उन्होंने आरोप लगाया है कि “मोदी सरकार ने पेट्रोल व डीज़ल में स्वयं भयानक मुनाफ़ाख़ोरी की है। मोदी सरकार द्वारा टैक्स बढ़ाने से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है और गरीबों, मध्यम वर्ग और नौकरीपेशा लोगों की जेब पर डाका डाला गया है। बीते एक साल में कच्चा तेल 35 प्रतिशत सस्ता हो चुका है, मगर पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं घटाए गए हैं। सरकारी और प्राइवेट तेल कंपनियों को पेट्रोल-डीज़ल बेचने पर 10 रुपए प्रति लीटर से ज्यादा मुनाफा हो रहा है। इसके बावजूद कंपनियों द्वारा देश की जनता को राहत नहीं दी जा रही है। क्रिसिल की एक रिपोर्ट के अनुसार देश की तीन सरकारी तेल कंपनियों आईओसी, बीपीसीएल और एचपीसीएल को मौजूदा वित्त वर्ष मे एक लाख करोड़ रुपये के करीब ऑपरेटिंग प्रॉफिट होने का अनुमान है, यह बीते वर्ष के 33 हजार करोड़ रुपए का तीन गुना है। साथ ही पहली तिमाही में उनका रिफाइनिंग मार्जिन में भी इजाफा होने का अनुमान है। यदि सरकारी कंपनियां मुनाफा कमा रही हैं तो प्राइवेट कंपनियों को भी यह भारी लाभ दिया जा रहा है।”
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि “मोदी सरकार के कार्यकाल में औसतन कच्चे तेल की कीमत 65 डॉलर प्रति बैरल से कम रहे हैं। पिछले तीन महीने से भी लगातार 70-80 डॉलर के बीच में रहे हैं। लेकिन जनता के लिए पेट्रोल, डीजल के दाम कम नहीं किए जा रहे हैं। देश के अधिकतर हिस्सों में पेट्रोल 100 रुपए प्रति लीटर से ऊपर मिल रहा है। डीज़ल भी 90 रुपए के ऊपर हैं।”
उन्होंने कहा कि “कांग्रेस शासन में मई 2014 में पेट्रोल और डीज़ल पर उत्पाद शुल्क केवल 9.20 रुपए प्रति लीटर और 3.46 रुपए प्रति लीटर था, जिसे भाजपा सरकार द्वारा आज के दिन पेट्रोल पर 19.90 रुपए प्रति लीटर और डीज़ल पर 15.80 रुपए प्रति लीटर वसूला जा रहा है, जो यूपीए की तुलना में क्रमश: 116% और 357% ज्यादा है। पिछले नौ सालों में केंद्रीय भाजपा सरकार ने बार-बार पेट्रोल और डीज़ल पर करों में वृद्धि करके जनता से 32 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा वसूले हैं, जबकि कांग्रेस की सरकार महंगाई को काबू रख जनता को राहत देने के लिए पेट्रोल- डीज़ल पर घाटा उठाया करती थी। भाजपा सरकार ने देश को महंगाई में झोंक रखा है। सब्जी, फल, मसाले समेत अन्य चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं। पर सरकार जनता को कोई राहत देने की बजाय मुनाफाखोरी कर रही है। पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में कमी होते ही खाने पीने की वस्तुओं की कीमतें खुद ही कम हो जाएंगी। बस तथा यातायात के अन्य साधनों को भी फायदा होगा। इससे पूरे देश को व्यापक राहत मिलेगी।”
उन्होंने आगे कहा कि “केंद्र सरकार यदि देश में बढ़ रही महंगाई से राहत देना चाहे तो पेट्रोल और डीज़ल के टैक्स को कांग्रेस सरकार की दर पर लाकर व लगातार जारी मुनाफाखोरी को बंद करके पेट्रोल और डीज़ल के मूल्यों को 25-30 रुपए प्रति लीटर कम कर सकती है। हमारी मांग है कि मोदी सरकार को अंतर्राष्ट्रीय कच्चे तेल के मूल्यों में भारी कमी के अनुरूप पेट्रोल-डीजल के मूल्यों को 35 प्रतिशत कम करके कच्चे तेल के अंतर्राष्ट्रीय दामों में आई रिकॉर्ड गिरावट का लाभ देश की जनता को देना चाहिए, ताकि देश की जनता को कमर तोड़ महंगाई से कुछ राहत मिल सके।”