टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (30 जुलाई 2023): भारतीय राजनीति में बीते सालों में धर्म एवं धार्मिक मुद्दों ने व्यापक स्थान हासिल किया है। सभी सियासी पार्टियां अपनी-अपनी राजनीति और वोट बैंक के अनुरूप बयान जारी करती है। धर्म के मुद्दो पर भी अब सियासी पार्टियां नफा – नुकसान का गणित देखती है। मामला अयोध्या का हो या फिर काशी के ज्ञानवापी का। सभी मामलों में अलग अलग सियासी पार्टियों का अलग-अलग मत है।
दलित के दो बड़े नेता आए आमने-सामने
ज्ञानवापी मामले को लेकर दलित के दो बड़े नेता आमने- सामने आ गए हैं। दरअसल, सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के ज्ञानवापी प्रकरण के साथ बद्रीनाथ धाम को लेकर दिए बयानों के बाद सियासत गरमा गई है। अब स्वामी प्रसाद मौर्य को बसपा सुप्रीमो मायावती ने मुंहतोड़ जवाब दिया है। मायावती ने कहा है कि स्वामी प्रसाद मौर्य का यह बयान नए विवादों को जन्म देने वाला विशुद्ध राजनीतिक बयान है।
बसपा सुप्रीमो ने ट्वीट कर स्वामी प्रसाद मौर्य पर बोला हमला
बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट करते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य पर बयानी प्रहार किया है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि “समाजवादी पार्टी के नेता श्री स्वामी प्रसाद मौर्य का ताजा बयान कि बद्रीनाथ सहित अनेकों मन्दिर बौद्ध मठों को तोड़कर बनाये गये हैं तथा आधुनिक सर्वे अकेले ज्ञानवापी मस्जिद का क्यों बल्कि अन्य प्रमुख मन्दिरों का भी होना चाहिए, नए विवादों को जन्म देने वाला यह विशुद्ध राजनीतिक बयान।”
इसी ट्वीट के दूसरे हिस्से में उन्होंने लिखा कि, “जबकि श्री मौर्य लम्बे समय तक बीजेपी सरकार में मंत्री रहे किन्तु तब उन्होंने इस बारे में पार्टी व सरकार पर ऐसा दबाव क्यों नहीं बनाया? और अब चुनाव के समय ऐसा धार्मिक विवाद पैदा करना उनकी व सपा की घिनौनी राजनीति नहीं तो क्या है? बौद्ध व मुस्लिम समाज इनके बहकावे में आने वाले नहीं।”
स्वामी प्रसाद मौर्य का बयान
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने बद्रीनाथ धाम पर विवादित बयान देते हुए कहा है कि बद्रीनाथ 8वीं सदी तक बौद्ध धर्मस्थल था और बौद्ध धार्मिक स्थल खत्म करके बद्रीनाथ मंदिर बनाया गया है।।