बॉर्डरलेस बाबासाहब पर हुई चर्चा, सामाजिक हस्तियों एवं विद्वानों ने क्या कहा

टेन न्यूज नेटवर्क

दिल्ली (28 जुलाई 2023): बॉर्डरलेस बाबा साहब पर डॉ अम्बेडकर इंटरनेशनल सेंटर, नई दिल्ली में प्रेस वार्ता हुई। इस वार्ता में कई दिग्गज लोग शामिल हुए। मुख्य अतिथि के तौर पर सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास आठवले, खास अतिथि के तौर पर पद्मभूषण राम वांजी सुतार शामिल हुए। साथ ही युनिवर्सिटी ऑफ गोथेनबर्ग स्वीडन,डॉ रविकांत पाठक ; इंटरनेशनल रिलेशन के एक्सपर्ट, डॉ मुकेश त्यागी ; वर्ल्ड एनवायरनमेंट काउंसिल , गणेश चन्ना, मुंबई युनिवर्सिटी के प्रोफेसर,प्रो हेमंत सामंत ; संस्कृति युनिवर्सिटी के चांसलर डॉ सचिन गुप्ता आदि कई लोग उपस्थित रहे । इस कार्यक्रम का आयोजन डॉ राजेंद्र जाधव , भारत कुमार दावड़ा , डॉ राहुल खरबे, निखिल फूटानी, विनोद कांबले ने किया।

डॉ राजेंद्र जाधव ने कहा कि, आज गांव, समाज और परिवार की दूरियां कम करने की जिम्मेदारी हमारे ऊपर आई है। ये काम करना हम सब का दायित्व बनता है। आज हम सब बाबा साहब के विचारों को सलाम करने के लिए हम बोर्डरलेस बाबासाहब के सम्मान में उपास्थित हुए हैं। बाबा साहब की पुस्तक मंगल मैत्री देश-विदेश में भी शुरुआत किया जाएगा ।

डॉ मुकेश त्यागी ने कहा कि, बाबा साहब इतने बड़े व्यक्तित्व के इंसान हैं कि उन्हें किसी भी शब्दों में समाहित करना असंभव है। इतनी कठिनाइयों का सामना करते हुए भी उन्होंने कभी हार नहीं माना। उनका एक उद्देश्य था कि किस तरह से दलित वर्ग को समाज के मुख्यधारा में लाया जाए। उनकी दर्शन सिर्फ भारत में सीमित नहीं थी पूरे विश्व में फैली हुई थी जिसके कारण उन्हें बॉर्डर लेस कहा जाता है।

डॉ रविकांत पाठक ने कहा की, “सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया। सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित् दुःखभाग् भवेत्।।”

भारत की कांसेप्ट और भारत की व्यस्था सदैव बॉर्डरलेस रही है। भारत का एक सूत्र और संविधान के रूप में बांधने वाले अंबेडकर का योगदान अमूल्य है। बाबा साहब का जो योगदान है एक पौधे से वटवृक्ष वृक्ष बनाने में वो सदैव अविस्मरणीय रहेगा। भारत की आध्यात्मिक संस्कृति परंपरा है उसको संरक्षित रखना अब इस पीढ़ी का काम है।

बाबा साहेब डॉ.भीमराव आंबेडकर का नाम कौन नहीं जानता है। उन्होंने अपना पूरा जीवन ऊंच-नीच, भेदभाव और छुआछूत के उन्मूलन जैसे कार्यों के लिए कर दिया समर्पित दिया था। सामाजिक समता और सामाजिक न्याय जैसे सामाजिक परिवर्तन के मुद्दों को प्रमुखता से स्वर देने और परिणाम तक लाने वाले प्रमुख लोगों में डॉ. भीमराव आंबेडकर का नाम अग्रणी है। उन्हें ही बाबा साहेब के नाम से भी जाना जाता है। एकात्म समाज निर्माण, सामाजिक समस्याओं, अस्पृश्यता जैसे सामाजिक मामलों पर उनका मन संवेदनशील एवं व्यापक था। वे कहा करते थे- एक महान आदमी एक आम आदमी से इस तरह से अलग है कि वह समाज का सेवक बनने को तैयार रहता है।