संजय सिंह के निलंबन के बाद गरमाई सियासत, जानें क्या है लोकसभा- राज्यसभा से निलंबन के नियम

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (25 जुलाई 2023): 20 जुलाई से शुरू हुआ संसद का मानसून सत्र प्रतिदिन हंगामे की भेंट चढ़ रहा है। इसी क्रम में सोमवार को राज्यभा में विपक्षी पार्टियों के कई विपक्षी सांसदों ने मणिपुर मुद्दे पर जमकर हंगामा किया। हंगामे के बाद सभापति ने आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को पूरे मानसून सत्र के लिए निलंबित कर दिया है।

क्या है पूरा मामला

राज्यसभा में सोमवार को मणिपुर मुद्दे पर सदन में विरोध के दौरान आप सांसद संजय सिंह को उनके बुरे व्यवहार के लिए मानसून सत्र के शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया। सदन के नेता पियूष गोयल ने उनके निलंबन का प्रस्ताव रखा था जिसे सदन ने स्वीकार कर लिया।

प्रस्ताव पेश होने के पहले राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने संजय सिंह को उनके व्यवहार के लिए चेतावनी भी दी थी।

क्या है निलंबन का नियम

नियम 373: इस नियम के मुताबिक अध्यक्ष के पास यह अधिकार होता है कि यदि कोई सदस्य बुरा व्यवहार करता है तो वह तुरंत उसे सदन छोड़ने के लिए कह सकता है।

नियम 374: इस नियम के तहत अध्यक्ष ऐसे सदस्य का नाम ले सकता है जो अध्यक्ष के आदेश की अवज्ञा करते हुए अनुचित तरीके से कार्य करते हुए लगातार सदन की कार्यवाही में बाधा डालता है। इस नियम के अनुसार जिस सदस्य को निलंबित किया गया है उसे तुरंत सदन छोड़ देना चाहिए।

नियम 374ए: इस नियम को दिसंबर 2001 में नियम पुस्तिका में शामिल किया गया था। घोर उल्लंघन या गंभीर आरोप के मामले में , अध्यक्ष द्वारा नामित किए जाने पर सदस्य को तुरंत और खुद से लगातार पांच बैठकों या सत्र की अवधि, जो भी कम हो, के लिए सदन की सेवा से निलंबित कर दिया जाता है।

नियम 255: सदन का पीठासीन अधिकारी राज्यसभा की प्रक्रिया के सामान्य नियमों के नियम 255 के तहत संसद सदस्य का निलंबन लागू कर सकता है।

नियम 256: यह सदस्यों के निलंबन का प्रावधान करता है। सभापति किसी सांसद को सत्र के शेष समय से अधिक की अवधि के लिए संसद से निलंबित कर सकते हैं।

पहले भी हो चुका है इतने सदस्यों का निलंबन

1989: 15 मार्च 1989 को 63 लोकसभा सांसदों को एक सप्ताह के लिए निलंबित कर दिया गया था।

2010: सात राज्यसभा सदस्यों को निलंबित कर दिया गया।

2012: आठ लोकसभा सांसद को निलंबित कर दिया गया।

2013: 12 लोकसभा सदस्यों को निलंबित कर दिया गया।

2014: 18 लोकसभा सांसदों को निलंबित कर दिया गया था।

2015: 25 लोकसभा सदस्यों को निलंबित कर दिया गया था।

2019: 45 लोकसभा सांसदों को दो दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया।

2020: आठ राज्यसभा सांसदों को निलंबित कर दिया गया।

2021: नवंबर में 12 राज्यसभा सांसद निलंबित कर दिए गए।

2022: जुलाई में 23 लोकसभा और चार राज्यसभा सदस्य निलंबित कर दिया गया था।।