विपक्षी गठबंधन के INDIA नाम रखने पर नाराज हिंदू संगठनों ने खोला मोर्चा, दिल्ली में जमकर विरोध प्रदर्शन

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (22 जुलाई 2023): लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। 2024 के चुनाव में विपक्षी पार्टियां यह दावा कर रही है कि, संयुक्त रूप से विपक्ष 2024 चुनाव में पीएम मोदी को टक्कर देगी। विपक्ष की तरफ से महागठबंधन का नाम INDIA रखा गया है। इसे लेकर दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित बाराखंभा पुलिस स्टेशन में INDIA नाम पर आपत्ति दर्ज करते हुए एफआईआर भी दर्ज करवाया गया है।

अब इसे लेकर दिल्ली के जंतर मंतर पर यूनाइटेड हिंदू फ्रंट की तरफ से INDIA के नाम पर आपत्ति दर्ज करते हुए विरोध प्रदर्शन किया गया है। यूनाइटेड हिंदू फ्रंट के राष्ट्रीय अध्यक्ष जय भगवान गोयल ने कहा कि INDIA नाम भारत का है, जो अंग्रेजों द्वारा रखा गया है। आज भारत गुलामी की जो मानसिकता रही है, उससे बाहर निकल चुका है। Bharat नाम से अब India को जाना जाएगा।

भगवान गोयल ने कहा कि इतिहास साक्षी है कि सदियों से चली आ रही सनातन संस्कृति के अमूल्य ग्रंथों व पुराणों में हमारे देश के नाम का उल्लेख “भारत’ कह कर ही हुआ है। परंतु अंग्रेजों ने जानबूझकर पिछडे, अशिक्षित व जाहिल मानते हुए भारत को इंडिया का नाम देते हुए कहा था कि जिनकी शादी चर्च में नहीं हुई वो जाहिल और अवैध संताने हैं। भारतीयों की तो सनातन संस्कृति के अनुसार शादियां होती है, इसलिए हमें अवैध संताने कहना तो हमारी सनातन संस्कृति का खुल्लम-खुल्ला अपमान है।

जब दुनिया के सभी देशों के नाम हिन्दी और अंग्रेजी में एक ही तरह से पुकारे जाते हैं जैसे अमेरिका, जापान, रूस, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका व नेपाल तो भारत को भी हिन्दी और अंग्रेजी में “भारत’ ही पुकारा जाना चाहिए। अंग्रेजों ने जिस तरह उत्तरी अमेरिका के आदिवासियों को रेड इंडियन कहा व जिस तरह अंग्रेजी भाषा से हमेशा वनवासियों, आदिवासियों इत्यादि को जिस घृणा के साथ व नस्लीय श्रेष्ठता की धारणा के साथ इंडियन कहा गया उससे स्पष्ट है कि उनके लिए इंडिया शब्द का अर्थ किसी अपशब्द से कम नहीं है।

उन्होंने आगे कहा कि संविधान सभा में इंडिया शब्द को लेकर विस्तृत बहस हुई। उस समय भी बहुत सारे बृद्धिजीवियों व विद्वानों ने इंडिया के बजाए भारत शब्द का ही समर्थन किया था। जहां इंडिया शब्द एक अपशब्द के तौर पर प्रयोग किया जाता था. वह भारत शब्द हमारे असंख्य प्राचीन ग्रंथों व पुराणों में बहुत ही सम्मान से लिया जाता है।।