टेन न्यूज नेटवर्क
दिल्ली (21 जुलाई 2023):
शूरों को अपने अंदाज में पीरोते हैं,
कभी गम की बारिश तो कभी प्यार की सौगात लाते हैं।
हमारे दिल के हर जज्बात को जो छू लेते हैं,वही एक सच्चे गायक होते है।
संगीत सुनना पूरी दुनिया में सभी लोगो को पसंद है। संगीत एक ऐसी चीज है जो एक पल को सुखद और आनंदमय बनाता है। मनुष्य को जीवन में खुश और व्यस्त रहने के लिए संगीत सबसे अच्छा साधन है। और यदि मधुर शब्द, धुन , संगीत और गायक का मेल हो तो कौन संगीत सुनना नहीं चाहेगा।
जिस महान कलाकार ने हम सभी संगीत प्रेमियों को दशकों को तक एक से बढ़कर एक बेहतरीन नग्मों से आनंदित एवं प्रफुल्लित किया दूसरी ओर उन्होंने हम सबको दर्द भरे नग्में गाकर हमेशा अपने करीब रखा। आज भले ही वे हमारे बीच नहीं हैं पर वे अपने गीतों के माध्यम से आज भी हमारे दिल पर राज करते हैं। वे हैं मुकेश चन्द्र माथुर।
मुकेश ने ‘क्या खूब लगती हो’ और ‘धीरे धीरे बोल कोई सुन न ले’ जैसे शरारती गीत भी गाए। साथ ही ‘जाने कहां गए वो दिन’ और ‘जीना यहां, मरना यहां’ जैसे गाने भी गाए। फिर मुकेश के अंदर के बेहद उदासीपसंद गायक ने ‘चल री सजनी अब क्या सोचे’ और ‘आंसू भरी हैं ये जीवन की राहें’ जैसे गाने भी दिए। मुकेश ने ही कुछ सदाबहार संदेश वाले गीत भी गाए जो आज भी प्रासंगिक हैं, जैसे- ‘सजन रे झूठ मत बोलो’ और ‘इक दिन बिक जाएगा माटी के मोल’।
दिल्ली के जानी मानी आर्गेनाइज़र मल्हार संगीत कला केन्द्र की परमिंदर चढ़्ढ़ा जऔर सुर सम्पदा सेवा ट्रस्ट के अतुल नागपाल ने उनका 100वाँ जन्मदिन 22 जुलाई 2023 को़ यादगार बनाने के लिए विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया है :
स्थान – इण्डिया इस्लामिक कल्चरल सेन्टर
मंच संचालन – करूनेश शर्मा
समय: 5.30 बजे
दिनांक :22.7.23
जलपान : 5.00 बजे
बैंड – सरगम स्टार्स डॉ.रमेश मिश्रा
सावन का महीना
पवन करे सोर , ज्योत से ज्योत जगाते चलो आदि गीत – संगीत की बरसात कर आप को प्यार में भिगो देने के लिए महफ़िल सजायी है । बस आप का मुकेश के गीतों के प्रेमी परमिंदर चड्ढा एवं अतुल नागपाल को संगीत प्रेमियों का इंतज़ार है ।