टेन न्यूज़ नेटवर्क
दिल्ली (12 जुलाई 2023): समान नागरिक संहिता अर्थात् UCC को लेकर देशभर में बहस जारी है। यह संविधान के अनुच्छेद 44 के अंतर्गत आता है, जिसमें देश के सभी नागरिक कानून की दृष्टि से एक समान होते हैं। UCC सभी धार्मिक समुदायों के लिए संपत्ति, विवाह, विरासत, तलाक आदि मामलों के लिए पूरे देश में एकसमान कानून सुनिश्चित करता है।
इस बाबत टेन न्यूज की टीम ने UCC को लेकर सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता विष्णु दत्त शर्मा से बातचीत की। टेन न्यूज से बातचीत करते हुए अधिवक्ता विष्णु दत्त शर्मा ने कहा कि “लॉ कमीशन की ओर से जो ड्राफ्ट जारी किया गया है। इसके मुताबिक एक देश एक कानून होना चाहिए इसके लिए मैं सरकार का समर्थन करता हूं। हालांकि यह कानून पहले ही लागू हो जाना चाहिए था क्योंकि सभी धर्म समुदायों ने अपने कुछ अलग कानून बनाए हैं। इसको देखते हुए समान नागरिक संहिता को लागू किया जाना चाहिए।” उनका कहना है कि ” यह कोई संवेदनशील मुद्दा नहीं है बल्कि इसे संवेदनशील बनाया जा रहा है। यह भारत के लोगों के पक्ष में हैं। जातिगत राजनीति करने वाले लोग ही इस मुद्दे को संवेदनशील बना रहे हैं।”
इसी क्रम में एडवोकेट विवेक गर्ग ने कहा कि ” मैं इसका समर्थन करता हूं। लोगों को समझने की आवश्यकता है कि यह उनके हित का कानून है। मुख्य रूप से यह कानून मुस्लिम माताओं, बहनों के लिए हित का कार्य कर रहा है। हलाला और तीन तलाक जैसी प्रथाएं भी समान नागरिक संहिता के द्वारा हटाई जाएगी। मुस्लिम संप्रदायों में पुरुषों के वर्चस्व में होने के कारण मुस्लिम महिलाओं के लिए बाधक सिद्ध होता है परंतु यह कानून महिलाओं के लिए एक नया अवसर लेकर आएगा। हालांकि सरकार के द्वारा इसका लाभ जारी कर दिया गया है और 15 जुलाई तक पब्लिक से उनकी राय मांगी गई है जिसके बाद सरकार सभी राय के निष्कर्ष को ध्यान में रखते हुए अपनी बात साझा करेंगी।”
बता दें कि पीएम मोदी द्वारा एक मंच से बीते दिनों यूसीसी का जिक्र किए जाने के बाद से ही देशभर में इसे लेकर चर्चा तेज हो गई है और अब कयास लगाए जा रहे हैं जल्द ही सरकार UCC लाने वाली है।।