बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा की आग, बीजेपी बोली-कहां है मोहब्बत की दुकान खोलने वाले राहुल गांधी

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली, (11/07/2023): बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा की जो आग धधक रही है, वह थमने का नाम नहीं ले रही। पंचायत चुनाव में बंगाल से अलग-अलग तस्वीरें आ रही है। कहीं बूथ जलाया जा रहा है तो कहीं मतदान पेटी को लेकर भागते हुए दिखाई दे रहे हैं। इसे लेकर भारतीय जनता पार्टी बंगाल की ममता सरकार पर हमलावर है।

बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि पश्चिम बंगाल में चुनाव और हिंसा एक दूसरे का पर्याय बन गए हैं। राज्य में पंचायत चुनाव के नामांकन शुरू होने से लेकर अब तक करीब 45 लोगों की मौत हो चुकी है। ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है, जिस भूमि से कभी वन्दे मातरम् के शब्द उपजे थे, आज उसी भूमि पर जिस प्रकार की हिंसा हो रही है वह अपने आप में अप्रत्याशित है।

संबित पात्रा ने कहा कि इससे पहले इस प्रकार की हिंसा न हमने सुनी थी और न ही देखी थी। चुनाव और हिंसा आज बंगाल में पर्यायवाची बन चुके हैं। विशेष रूप से, पश्चिम बंगाल राज्य में 2018 पंचायत चुनावों के दौरान मरने वालों की संख्या 23 थी। राज्य में 2013 के पंचायत चुनाव के दौरान करीब 15 लोग मारे गये थे। सचमुच पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र की हत्या हो रही है।

भाजपा प्रवक्ता कहा कि सेंट्रल फोर्सेस होने के बावजूद बंगाल में 45 लोगों की हत्या ये दिखाता है कि प्रदेश सरकार किस प्रकार प्रायोजित तरीके से इन हत्याओं को अंजाम दे रही है। ये जितने लोग मारे गए हैं वह प्रायोजित है, संबित पात्रा ने कहा कि ये स्टेट स्पॉन्सर्ड मर्डर ऑफ डेमोक्रेसी वेस्ट बंगाल है। इसमें पुलिस प्रशासन से लेकर जिला अधिकारी तक सम्मिलित हैं। अगर यही दृश्य किसी भाजपा शासित राज्य से आ रहा होता तो हाहाकार मच गया होता। ये सारे नेता, जो हाथ पकड़-पकड़ कर राज्यों में खड़े होते हैं, कहां हैं ये सारे नेता? कहां हैं लालू प्रसाद यादव, कहां हैं नीतीश कुमार और कहां हैं ‘मोहब्बत की दुकान’ खोलने वाले राहुल गांधी?

शांतिपूर्ण और उचित चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय बलों को पश्चिम बंगाल भेजा गया था। लेकिन राज्य सरकार द्वारा इन बलों को उचित तरीके से तैनात नहीं किया गया, संवेदनशील बूथों की संख्या की जानकारी छिपायी गयी। साथ ही संवेदनशील बूथों के बारे में किसी भी तरह का कोई डेटा उपलब्ध नहीं कराया गया। केंद्रीय बलों की मौजूदगी के बावजूद 45 लोगों की हत्या से साफ पता चलता है कि ये राज्य प्रायोजित हत्याएं थी और पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र की राज्य प्रायोजित हत्या थी।भारतीय जनता पार्टी इस पूरी व्यवस्था की, बंगाल में जिस प्रकार से लोगों की हत्या हो रही है, जिस प्रकार से लोकतंत्र की हत्या हो रही है उसकी कड़ी निंदा करती है। कुछ बेशर्म लोग इतनी आसानी से लोकतंत्र की मौत बर्दाश्त कर सकते हैं, लेकिन अपनी ‘महत्वाकांक्षाओं’ की मौत नहीं! ममता बनर्जी मां, माटी और मानुष की बात करती थीं। आज ‘माँ’ रो रही है,माटी खून से सनी हुई है, और ‘मानुष’ की हत्या हो गई है लेकिन निर्दयी बंद्योपाध्याय जी मूकदर्शक बन कर ये सब देख रहे हैं।।