टेन न्यूज नेटवर्क
दिल्ली (08 जुलाई 2023): नीट पीजी की जगह पर नेक्स्ट (NExT) परीक्षा आयोजित कराई जाएगी। इस परीक्षा के स्कोर के आधार पर एमडी, एमएस में प्रवेश दिया जाएगा। इसके अलावा यह परीक्षा पास करना MBBS फाइनल वर्ष के अभ्यर्थियों के लिए जरूरी होगी। क्योंकि बिना इसके वे भारत में मेडिकल की प्रैक्टिस नहीं कर सकेंगे। वहीं, विदेश से मेडिकल डिग्री लेने वाले MBBS अभ्यर्थियों को भी यह परीक्षा भारत में मेडिकल की प्रैक्टिस करने के लिए जरूरी होगी।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) रायपुर में क्रिटिकल केयर यूनिट की आधारशिला रखने के बाद वहां छात्रों के साथ बातचीत करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ऐसा कोई निर्णय नहीं लेंगे जिससे भ्रम पैदा हो। वहीं, इस दौरान जब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से पत्रकारों ने पूछा कि नेक्स्ट एग्जाम को लेकर MBBS स्टूडेंट्स स्ट्रेस में आ गए हैं?
इस सवाल के जवाब में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, “किसी भी छात्र को किसी भी तनाव से गुजरने की आवश्यकता नहीं है। मैं 2019 बैच को NExT के अंतर्गत नहीं ला रहा हूं। मैं 2020 बैच को इसके अंतर्गत लाऊंगा। NExT इस साल आयोजित नहीं किया जाएगा।”
आपको बता दें कि अब एनएमसी कानून के मुताबिक नेक्स्ट परीक्षा ही अब एमबीबीएस फाइनल ईयर की परीक्षा होगी। एमबीबीएस फाइनल ईयर के विद्यार्थियों को आखिरी साल की परीक्षा की स्थान नेक्स्ट परीक्षा में बैठना होगा। इसी के जरिए उन्हें डॉक्टरी करने का लाइसेंस मिलेगा।एमडी, एमएस जैसे मेडिकल पोस्ट ग्रेजुएट कोर्सेस में एडमिशन भी नेक्स्ट परीक्षा में प्रदर्शन के आधार पर मिलेगा। विदेश से एमबीबीएस करके आए स्टूडेंट्स को हिंदुस्तान में डॉक्टरी का लाइसेंस हासिल करने के लिए अभी तक एफएमजीई की परीक्षा देनी होती थी, लेकिन अब उन्हें नेक्स्ट एग्जाम में बैठना होगा। यानी एफएमजीई, नीट पीजी और एमबीबीएस फाइनल ईयर एग्जाम की स्थान एक कॉमन परीक्षा नेक्स्ट होगी। गौरतलब है कि 2019 बैच के मेडिकल विद्यार्थी नेक्स्ट परीक्षा को लेकर लगातार विरोध दर्ज करवा रहे थे। सोशल मीडिया पर नो नेक्स्ट एग्जाम-2019 का अभियान चलाया जा रहा था। उनका बोलना था कि नियम बदल देने से उनके समक्ष नई चुनौती सामने आ गयी है। उन्हें इसके लिए पढ़ने का एकदम समय नहीं मिलेगा। साथ ही जिन विषयों की परीक्षा पास कर चुके उन्हें फिर से देनी होगी।