नई दिल्ली: पैसे देकर भी अबतक मकान न पानेवाले नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी के 50,000 फ्लैट खरीदारों को अब तीन महीने के अंदर आशियाना मिल जाएगा. जेपी घर खरीदार मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद योगी सरकार तेजी से हरकत में आ गई है. खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बिल्डरों को तलब कर उनकी बैठक बुलाई. इस बैठक में आम्रपाली, जेपी और सुपरटेक जैसे बड़े बिल्डर शामिल हुए थे.
योगी आदित्यनाथ ने बिल्डरों को 3 महीने में 50,000 फ्लैट की डिलीवरी का फरमान सुनाया और डिलीवरी न होने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है. बैठक में बायर्स असोसिएशन, बिल्डर्स और तीनों अथॉरिटी के अधिकारियों ने हिस्सा लिया. बिल्डर्स ने भी अपनी समस्याएं मुख्यमंत्री के सामने रखीं.
यह बैठक उच्चतम न्यायालय द्वारा रियल एस्टेट कंपनी जेपी इंफ्राटेक की दिवालिया होने संबंधी अर्जी पर सुनवाई के दौरान कंपनी को खरीदारों के हितों की रक्षा के लिए दो हजार करोड़ रुपये जमा करने के आदेश के बाद बुलाई गई थी.
जेपी के खरीदारों को भी मिलेंगे घर
मुख्यमंत्री ने जेपी ग्रुप के घर खरीदारों को आश्वस्त किया कि डिवेलपर उन्हें नवंबर से हर महीने 600 फ्लैट्स मुहैया कराएगा. जेपी ग्रुप के 32,000 होम बायर्स डिलिवरी के इंतजार में हैं. उत्तर प्रदेश सरकार के तीन मंत्रियों सतीश महाना, सुरेश राना और सुरेश खन्ना की कैबिनेट कमिटी को यह जानकारी दी गई. इस कमिटी को हाल ही में नोएडा यह संभावना तलाशने के लिए भेजा गया था कि वहां के फ्लैट खरीदारों को कैसे न्याय दिलाया जा सकता है.
बिल्डर्स का होगा ऑडिट
सरकार नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी में मकान बनानेवाले बिल्डर्स का ऑडिट भी करवाएगी. विधायक धीरेंद्र सिंह के मुताबिक, बैठक में हर बिल्डर को खुद अपना ऑडिट कराने के लिए कहा गया है. इसके बाद सरकार भी तीनों प्राधिकरणों में काम करने वाली बिल्डर्स का ऑडिट कराएगी .