टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (04 जुलाई 2023): दिल्ली के शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज ने आज यानी मंगलवार को उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को पत्र लिखकर मटियाला स्थित छावला के प्राचीन हनुमान मंदिर को ध्वस्त न करने की मांग की है। साथ ही उन्होंने उपराज्यपाल से हनुमान मंदिर को ध्वस्त करने के अपने आदेश को वापस लेने का अनुरोध किया है।
आप मंत्री सौरभ भारद्वाज ने अपने पत्र में कहा है, “कुछ दिनों पहले मटियाला से चुने हुए विधायक गुलाब सिंह का पत्र मिला, जिसमें उन्होंने चिंता व्यक्त की थी कि उनकी विधानसभा में आने वाले छावला में एक प्राचीन हनुमान मंदिर को ढहाने का आदेश उपराज्यपाल द्वारा पारित किया गया है। इसे लेकर आसपास के गांव वाले काफी चिंतित और नाराज़ हैं। आज मैं नजफगढ़ ड्रेन के निरीक्षण पर गया था और वहां पर स्थानीय विधायक गुलाब सिंह मुझे छावला ब्रिज के निकट प्राचीन हनुमान मंदिर पर लेकर गए। वहां पर बहुत सारे ग्रामीण लोग भी इकट्ठा थे। सभी लोगों ने यह बात बताई कि इस पुल पर और इस इलाके में बहुत दुर्घटनाएं हुआ करती थी। फिर गांव के बुजुर्गों ने यहां पर हनुमान जी को स्थापित करने का निर्णय लिया। गांव वालों का मानना है और उनकी आस्था है कि जब से यहां पर हनुमान जी स्थापित किए गए, तब से यहां पर दुर्घटनाएं होनी बंद हो गई। आसपास के गांव से भी लोग इस मंदिर पर हनुमान जी की पूजा करने आते हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि “मैं उस मंदिर के दौरे पर भी गया। मैंने देखा कि यह मंदिर एक पुराने छावला पुल के किनारे पर बना हुआ है और किसी भी तरीके से पुल पर आने-जाने वाले वाहनों के लिए रुकावट नहीं बनता है। इस दौरान मैंने एक और विशेष बात देखी कि इस पुल से बिल्कुल सटकर एक नया और चौड़ा पुल तैयार किया गया है। यह पुल दिल्ली सरकार द्वारा बनाया गया है। आने वाले एक या दो हफ्ते में ही, जितना भी ट्रैफिक पुराने छावला पुल से जाता है, अब वो ट्रैफिक नए पुल से डायवर्ट किया जाएगा। गांव वालों और समाज की चिंता यह है कि जब सारा ट्रैफिक नए पुल से डायवर्ट किया जाएगा, तो ऐसे में भगवान हनुमान के मंदिर को इस तरह से ढहाना शुभ नहीं है। उन्हें यह भी चिंता सता रही है कि भगवान हनुमान जी के मंदिर को इस तरह से ढहाना अपशकुन है और हनुमान जी का अपमान भी है। ”
उन्होंने आखिर में कहा कि “मैंने उस मंदिर जाकर हनुमान जी की पूजा-अर्चना की। मैंने पाया कि गांव वालों की आस्था उस मंदिर के साथ जुड़ी हुई है। इसलिए मेरा आपसे निवेदन है कि आपके द्वारा इस मंदिर को ढहाने का जो आदेश दिया गया है, कृपया उस आदेश पर दोबारा विचार करें। जो सूचनाएं मैंने आपको नए पुल और नए पुल पर ट्रैफिक डायवर्ट होने के विषय में दी, उसे आप वेरिफाई करवा लें तब तक मंदिर को ढहाने के आपके आदेश को रोक दिया जाए। आपकी बहुत कृपा होगी। आपके द्वारा इस निर्णय को पुनर्विचार के लिए जरूर रखा जाना चाहिए। आपसे आशा है कि आप इस मंदिर को ढहाने के अपने निर्णय पर दोबारा विचार करेंगे।”