टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (30 जून 2023): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शुक्रवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह में शामिल हुए। इस दौरान उनके साथ केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी मौजूद रहें। इस अवसर पर पीएम मोदी ने दिल्ली विश्वविद्यालय कंप्यूटर सेंटर और ‘प्रौद्योगिकी संकाय’ की इमारत और दिल्ली विश्वविद्यालय के अकादमिक ब्लॉक की आधारशिला रखी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय ने ऐसे समय में अपने 100 वर्ष पूरे किए हैं, जब देश अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर अमृत महोत्सव मना रहा है। कोई भी देश हो, उसके विश्वविद्यालय, शिक्षण संस्थान, उसकी उपलब्धियों का सच्चा प्रतिबिंब होते हैं। DU की भी इन 100 वर्षों की यात्रा में कितने ही ऐतिहासिक पड़ाव आएं।”
उन्होंने आगे कहा कि “एक समय था जब दिल्ली यूनिवर्सिटी में सिर्फ 3 कॉलेज थे, अब 90 से ज्यादा कॉलेज हैं। एक समय था जब भारत नाजुक अर्थव्यवस्थाओं की सूची में आता था और आज ये दुनिया की शीर्ष 5 अर्थव्यवस्था में है। आज DU में पढ़ने वाली लड़कियों की संख्या लड़कों से ज्यादा है।”
पीएम मोदी ने कहा कि “25 साल बाद जब देश अपनी आजादी के 100 वर्ष पूरे करेगा तब DU अपनी स्थापना के 125 वर्ष मनाएगी। तब हमारा लक्ष्य भारत की स्वतंत्रता था। अब हमारा लक्ष्य 2047 तक विकसित भारत का निर्माण है। पिछली शताब्दी के तीसरे दशक ने स्वतंत्रता संग्राम को नई गति दी थी, अब इस शताब्दी का ये तीसरा दशक भारत की विकास यात्रा को नई रफ़्तार देगा। आज देश भर में बड़ी संख्या में विश्वविद्यालय, कॉलेज बनाए जा रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में IIT, IIM, NIT, AIIMS जैसी संस्थाओं की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हुई है। ये सभी संस्थान नए भारत के निर्माण खंड बन रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि “2014 में QS वर्ल्ड रैंकिंग में भारत के केवल 12 विश्वविद्यालय होते थे मगर आज ये संख्या 45 हो गई है। हमारे शिक्षण संस्थान दुनिया में अपनी अलग पहचान बना रहे हैं। हमारे संस्थान गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, छात्र संकाय अनुपात और प्रतिष्ठा, सभी में तेजी से सुधार कर रहे हैं।”
तो वहीं केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि “डीयू के 100 साल पूरे होने पर हमारी जिम्मेदारी बढ़ गई है।प्रधानमंत्री के नेतृत्व में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) लागू की गई। मैं पिछले 3 वर्षों में एनईपी को पूरी तरह से लागू करने के लिए डीयू को बधाई देता हूं।” उन्होंने आगे कहा कि “भारत सबसे पुराना लोकतंत्र है। यह लोकतंत्र की जननी है। संसद की नई बिल्डिंग बन चुकी है।प्रधानमंत्री हर बार एक ही बात कहते हैं, ‘यही समय, सही समय’, ‘आज का क्षण भारत का क्षण है’। हमें इस क्षण को जीना चाहिए और अपनी जिम्मेदारियों को निभाना चाहिए।”