टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली, (23/06/2023): पटना में भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ चुनाव लडने और आगामी रणनीति को लेकर आज महागठबंधन की बैठक हुई। जिसमें 17 विपक्षी दलों ने हिस्सा लिया। इसके बाद एक साझा प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से संकेत देने की कोशिश हुई कि सारे विपक्षी पार्टी 2024 में मोदी के खिलाफ एकजुट होकर लड़ेंगे।
इस बैठक के बाद बीजेपी ने जमकर हमला बोला केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि ये कल्पना तो कभी तमिलनाडु की जनता ने भी नहीं की होगी कि जिस DMK पार्टी पर 1990 के दशक में कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने स्व. राजीव गांधी की हत्या में सहयोग देने का आरोप लगाया, एक दिन उसी DMK के साथ गांधी खानदान के रिश्ते और मधुर होंगे। स्मृति ईरानी ने कहा कि जीवन में कभी भी तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने नहीं सोचा होगा कि जिस कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं ने ममता बंद्योपाध्याय के बाल खींचकर सड़क पर उन्हें अपमानित किया, उसी कम्युनिस्ट पार्टी के संरक्षण में ममता बंद्योपाध्याय जाएंगी।
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि पश्चिम बंगाल के कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने कभी कल्पना नहीं की होगी कि जिस ममता बंद्योपाध्याय के हाथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं के खून से सने हैं, वही हाथ एक दिन राहुल जी के सर पर दिखाई देंगे। स्वार्थ का ये गठबंधन है जिसके निशाने पर है हिंदुस्तान। ये राजनीतिक दल जब भी एक साथ आए, भ्रष्टाचार लाए, परिवारवाद लाए और राष्ट्र की आर्थिक प्रगति को संकुचित करने का आरोप अपने संग लेकर आए। स्वार्थ का गठबंधन, निशाने पर हिंदुस्तान। वह राजनीतिक दल जो एक दूसरे को फूटी आंख नहीं सुहाते थे, एकत्रित हुए एक ऐसे संकल्प के साथ जो भारत को आर्थिक प्रगति से वंचित करता है। ऐसा कहा जाता है कि भेड़िये झुंड में शिकार करते हैं। पटना में एक राजनीतिक दल की बैठक हुई, इनका ‘शिकार’ भारत का भविष्य है।
यह विडंबनापूर्ण है कि आज तृणमूल कांग्रेस पार्टी के सदस्यों ने ममता बंद्योपाध्याय और उस कम्युनिस्ट पार्टी के बीच सौहार्द देखा, जिसका नेतृत्व विशेष रूप से ममता को उनके बालों से खींचने के लिए जाना जाता था, खासकर जब उन्होंने बंगाल के लोगों के लिए बोलने की कोशिश की थी। स्वार्थ शायद इतना भी बड़ा नहीं है कि वह ममता न भूली हों कि कैसे उनके बाल से उनको घसीट कर, कम्युनिस्ट पार्टी ने उनका अपमान किया। अगर थोड़ा भी स्वाभिमान बचा है, तो वह कम्युनिस्ट पार्टी के साथ समझौता नहीं करेंगी और अगर समझौता किया तो उनका राजनीतिक स्वार्थ उनके निजी स्वाभिमान से बड़ा है।।