टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (23जून 2023): नई दिल्ली के इंदिरा गांधी कला केंद्र के समवेत सभागार में 21 जून 2023, अर्थात् अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखक ‘संतोष कुमार’ द्वारा लिखित पुस्तक ‘संघ और सरकार’ का लोकार्पण हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं राज्यसभा सांसद प्रकाश जावड़ेकर उपस्थित रहे। वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र न्यास के अध्यक्ष रामबहादुर राय ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में पांचजन्य के संपादक हितेश शंकर और NSD के निदेशक एवं विभागाध्यक्ष कलानिधि IGNCA प्रो. रमेश चंद्र गौड़ उपस्थित रहे।
पुस्तक लोकार्पण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मंच से अपने संबोधन में कहा ” संतोष (पुस्तक के लेखक) का पहला किताब जब मैंने पढ़ा तो , मैं तो उन सभी घटनाओं का साक्षी रहा हूं। तो मुझे उस पुस्तक की प्रतियां विपक्ष को देने का मन करता है।” उन्होंने पुस्तक के विषय-वस्तु पर चर्चा करने के साथ-साथ विपक्ष पर भी निशाना साधा। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे रामबहादुर राय ने अपने अंदाज में पुस्तक में लिखित घटनाओं का जिक्र किया और साथ ही उस दौर की कई रोचक बातें का भी उल्लेख किया। मंच पर उपस्थित प्रो. रमेशचंद्र गौड़ ने भारतीय संस्कृति, विरासत और इतिहास का उल्लेख किया। पांचजन्य के संपादक हितेश शंकर ने पुस्तक में उल्लेखित कुछ मुद्दों का जिक्र करते हुए राष्ट्रवाद और राष्ट्रभाव के बीच के अंतर का उल्लेख किया।
टेन न्यूज से बातचीत में ‘ संघ और सरकार’ के लेखक एवं वरिष्ठ पत्रकार संतोष कुमार ने कहा कि “इस पुस्तक में BJP- RSS के संबंधों के विषय, उनके विचारों को लेकर एवं उनके आपसी सामंजस्य और किसी मुद्दे पर मतभिन्नता के बाद आपसी समन्वय सहित कई मुद्दों पर विस्तार से उल्लेख किया गया है। साथ ही संघ एवं भारतीय जनता पार्टी में समायानुरूप हुए बदलावों और नेतृत्व परिवर्तन का भी उल्लेख है।” संतोष कुमार ने आगे कहा कि “संघ किस तरह से सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की दिशा में कार्य करती है और उसका ध्येय क्या है। संघ के दृष्टिकोण से हिंदुत्व का क्या अर्थ है। पुस्तक में इन तमाम बातों का उल्लेख है।”
बता दें कि प्रभात प्रकाशन द्वारा प्रकाशित पुस्तक ‘संघ और सरकार’ भारतीय जनता पार्टी एवं राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की कार्यप्रणाली को समझने के लिए उनके आपसी समन्वय को समझने के लिए और संघ और पार्टी में हुए व्यापक बदलावों को समझने के लिए यह पुस्तक काफी उपयोगी है।।