टेन न्यूज नेटवर्क
दिल्ली (22 जून 2023): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए महाराष्ट्र के पुणे में आयोजित जी20 शिक्षा मंत्रियों की बैठक को संबोधित किया और कहा कि इसका उद्देश्य बेहतर प्रशासन के साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना होना चाहिए।
सभा को संबोधित करते हुए, प्रधान मंत्री ने कहा कि शिक्षा न केवल वह नींव है जिस पर हमारी सभ्यता का निर्माण हुआ है, बल्कि यह मानवता के भविष्य का वास्तुकार भी है। पीएम ने शिक्षा मंत्रियों को शेरपाओं के रूप में संदर्भित किया और कहा कि वे सभी के लिए विकास, शांति और समृद्धि के प्रयास में मानव जाति का नेतृत्व कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा, जी-20 शिक्षा मंत्रियों की बैठक के लिए भारत में आपका स्वागत करता हूं। शिक्षा न केवल ऐसी बुनियाद है जिस पर हमारी सभ्यता का निर्माण हुआ है, बल्कि यह मानवता के भविष्य की वास्तुकार भी है। शिक्षा मंत्रियों के रूप में, आप सभी के लिए विकास, शांति और समृद्धि के हमारे प्रयासों में मानव जाति का नेतृत्व करने वाले शेरपा हैं। भारतीय शास्त्रों में शिक्षा की भूमिका का वर्णन आनंद प्रदान करने वाले के रूप में की गई है। विद्या ददाति विनयम् विनायद् याति पात्रताम्। पात्रत्वात् धनमाप्रोन्ति धनाद्धर्मं तत: सुखम्॥ इसका अर्थ है: “सच्चा ज्ञान विनम्रता देता है। विनम्रता से योग्यता आती है, पात्रता से धन की प्राप्ति होती है। संपदा व्यक्ति को अच्छे कार्य करने में सक्षम बनाती है और यही आनंद लाता है। यही कारण है कि भारत में, हमने एक समग्र और व्यापक यात्रा का सूत्रपात किया है। हमारा विश्वास है कि मूलभूत साक्षरता हमारे युवाओं के लिए एक मजबूत आधार का निर्माण करती है और हम इसे प्रौद्योगिकी के साथ भी जोड़ रहे हैं। इसके लिए हमने “समझदारी और संख्यात्मकता के साथ पढ़ने में प्रवीणता के लिए राष्ट्रीय पहल” या “निपुण भारत” पहल आरंभ किया है। मुझे प्रसन्नता है कि “मूलभूत साक्षरता और अंक ज्ञान” की आपके समूह द्वारा भी प्राथमिकता के रूप में पहचान की गई है। हमें 2030 तक समयबद्ध तरीके से इस पर काम करने का संकल्प लेना चाहिए।।