मोदी सरकार ने बदला नेहरू मेमोरियल म्यूजियम का नाम, कांग्रेस ने जताई आपत्ति | लोगों ने लगा दी कांग्रेस की क्लास

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली, (18/06/2023): दिल्ली के तीन मूर्ति मार्ग पर स्थित प्रधानमंत्री संग्रहालय में मौजूद नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एवं लाइब्रेरी का नाम अब बदल दिया गया है। अब इसे प्राइम मिनिस्टर मेमोरियल म्यूजियम और लाइब्रेरी के नाम से जाना जाएगा। नेहरू मेमोरियल का नाम बदलने पर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है।

कांग्रेस पार्टी ने इस बदलाव पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने नीचता का प्रमाण देते हुए नेहरू मेमोरियल का नाम बदला है। इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री संग्रहालय को देखने आए कुछ लोगों से टेन न्यूज़ ने बातचीत की और जाना कि क्या सरकार के फैसले से आम जनता सहमत है या नहीं?

प्रधानमंत्री संग्रहालय के पास मौजूद अग्रिमा गौर नाम की एक महिला ने कहा कि बदलाव कभी-कभी जरूरी होता है और अगर नेहरू मेमोरियल का नाम बदला गया है तो इस पर कांग्रेस पार्टी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए। पंडित जवाहरलाल नेहरू के नाम पर स्थित मेमोरियल का नाम अब सीधे तौर पर प्रधानमंत्री मेमोरियल किया गया है यह दर्शाता है कि अभी तक जितने भी प्रधानमंत्री हुए उनका इसमें योगदान है। अग्रिमा गौर ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और केंद्र में मौजूद मोदी सरकार जो भी काम करती है वह कांग्रेस पार्टी को सही नहीं लगती है कांग्रेस पार्टी सिर्फ दलगत राजनीति कर रही है। केंद्र में मौजूद मोदी सरकार बेहतर काम कर रही है और जनता को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भरोसा है कांग्रेस को किसने अधिकार दिया विरोध करने का।

राजस्थान के बीकानेर से प्रधानमंत्री संग्रहालय देखने पहुंचे बिरजू नाम के व्यक्ति ने टेन न्यूज से कहा कि प्रधानमंत्री म्यूजियम के नाम से अब नेहरू मेमोरियल जाना जाएगा इस पर कांग्रेस पार्टी को क्या आपत्ति है। यह बिल्कुल सरकार ने सही फैसला लिया है क्योंकि आजादी के बाद जितने प्रधानमंत्री हुए उनका योगदान देश के उत्थान में रहा है इसलिए अब यह पार्टिकुलर और व्यक्तिगत नहीं बल्कि सीधे प्रधानमंत्री के नाम से जाना जाएगा।

आम जनता को इस तरीके के फैसले से कोई दिक्कत नहीं है कांग्रेस पार्टी सिर्फ राजनीति कर इसका विरोध कर रही है। बिरजू ने बताया कि इसका नाम प्रधानमंत्री मेमोरियल करने से साफ जाहिर होता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जितने भी प्रधानमंत्री हुए उनका योगदान जो रहा वह देश के सामने रखना चाहते हैं। ऐसा नहीं किया गया है कि नेहरू जी की चीजों को हटाया गया है बल्कि नाम सिर्फ बदला गया है इस से मैं सहमत हूं।

वही सैयद शाहरुख नाम के एक युवा ने कहा कि नाम बदलने की राजनीति पर मैं ज्यादा विश्वास नहीं करता लेकिन अगर सरकार ने यह फैसला लिया है तो मैं इससे सहमत हूं। नेहरू जी की क्या योगदान रहा है इसे कोई दरकिनार नहीं कर सकता लेकिन अगर नाम नहीं बदला जाता तो इससे कोई दिक्कत नहीं थी सरकार ने अगर ऐसा किया है तो कुछ सोच समझकर हीं किया होगा।

बता दें कि नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एवं लाइब्रेरी के नाम बदलने को लेकर सियासत गरमा गई है और एकतरफ जहां भाजपा इसमें सभी प्रधानमंत्रियों के योगदान की बात कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस इसपर अपनी आपत्ति जता रही है।।