टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली, (14/06/2023): दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर और पोस्टिंग को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद केंद्र सरकार द्वारा एक अध्यादेश लाया गया है। अध्यादेश में साफ तौर पर कहा गया है कि अफसरों के ट्रांसफर पोस्टिंग पर अंतिम फैसला दिल्ली के एलजी लेंगे। लेकिन केंद्र के इस अध्यादेश को अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी की सरकार मानने को तैयार नहीं है।
इस बाबत दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल लगातार देश के अलग-अलग विपक्ष के नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं और उनका कहना है कि लोकसभा के बाद जब राज्यसभा में इस अध्यादेश को पास करने के लिए केंद्र सरकार लाएगी तो विपक्ष के नेता इसे पास नहीं होने देंगे ऐसा अरविंद केजरीवाल लगातार दावा कर रहे हैं।
इसी कड़ी में आज दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में सीपीआई नेता डी राजा से मुलाकात की। इसके बाद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के 2 करोड़ लोगों ने सरकार को चुना है तो सरकार को काम करने का अधिकार होना चाहिए।मैं CPI का शुक्रिया अदा करता हूँ कि उन्होंने इस अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली के लोगों का साथ देने का निर्णय लिया है।
केजरीवाल ने कहा कि ऐसा नहीं है कि दिल्ली आधा स्टेट है इसलिए ये ऑर्डिनेंस दिल्ली के लिए आया है। केजरीवाल ने कहा कि ये अध्यादेश राजस्थान, कर्नाटक, तमिलनाडू, केरला के अलावा किसी के लिए भी आ सकता है। ये दिल्ली का मामला नहीं। ये शुरुआत है इसलिए सब पार्टियों को मिलकर इसका विरोध करना है।
केजरीवाल ने कहा कि लोकतंत्र में तानाशाही की शुरुआत हो गई है मोदी सरकार ने वह काम किया जो कोई नहीं कर सकता है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बदल कर अध्यादेश लाया। केंद्र सरकार के इस रवैए के खिलाफ पूरा विपक्ष को एकजुट होना पड़ेगा।।