ट्विटर के पूर्व सीईओ के भारत द्वारा दबाव वाले बयान पर राजनीति गरमाई, विपक्षी पार्टियों ने सरकार पर बोला हमला

टेन न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली (13/06/2023): ट्विटर के सह-संस्थापक और पूर्व सीईओ जैक डोर्सी ने दावा किया है कि भारत सरकार उन पर किसान आंदोलन के दौरान सरकार का विरोध करने वाले अकाउंट को बंद करने के लिए ‘दबाव’ बनाया था। जैक डोर्सी के इस दावे के बाद राजनीति गरमा गई है और विपक्षी पार्टियां केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर है।

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि “जैक डॉर्सी ने जो कहा है वह जरा भी आश्चर्यजनक नहीं है। पिछले 9 वर्षों में 2014 के बाद, देश में भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और नागरिक स्वतंत्रता का व्यवस्थित क्षरण हुआ है। दुर्भाग्य से, यह घटना केवल केंद्र सरकार तक ही सीमित नहीं है। कुछ राज्य सरकारें भी समान रूप से कठोर और निरंकुश रही हैं जिस तरह से वे असहमति को दबाने और वैकल्पिक आवाजों को दबाने की कोशिश करती हैं।”

कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि “मोदी सरकार की निरंकुशता स्थापित हो चुकी थी। ट्वीटर के पूर्व संस्थापक और सीईओ जैक डोर्सी ने कहा है कि मोदी सरकार और PM किसानों और उनके संगठनों के खातों को ब्लॉक करने के लिए कहते थे। सरकार कहती थी कि पत्रकारों के एकाउंट को ब्लॉक किया जाए अन्यथा ट्विटर ऑफिस पर छापा मारा जाएगा। इससे साबित होता है कि देश में लोकतंत्र की आड़ में तानाशाही है।”

राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने कहा कि “सबसे पहले मैं जानना चाहूंगा कि जैक डोर्सी ऐसा बयान क्यों देंगे? राजीव चंद्रशेखर कहते हैं कि यह झूठ है, वो झूठ क्यों बोलेगा? जैक डोर्सी के पास झूठ बोलने का कोई कारण नहीं है कि जब विरोध प्रदर्शन चल रहे थे तो उन्होंने(सरकार) ट्विटर को धमकी दी थी कि वे ट्वीटर के कार्यालयों को बंद कर देंगे और ट्विटर के तत्कालीन कर्मचारियों पर छापा मारेंगे।”

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि “उस समय भी हमें जानकारी थी कि किसान आंदोलन की जितनी पहुंच फेसबुक और ट्वीटर पर आनी चाहिए वो नहीं आ रही थी। ये(सरकार) स्थानीय स्तर पर इसे रोकने का प्रयास करते थे। इसका(ट्वीटर) जो मालिक था उसने अब स्पष्ट कहा है। उसने(जैक डोर्सी) ठीक कहा है, भारत सरकार ने प्रयास किए होंगे।”

बता दें कि ट्विटर के पूर्व CEO जैक डोर्सी ने सोमवार को यूट्यूब शो ‘ब्रेकिंग पॉइंट्स विद क्रिस्टल एंड सागर’ के साथ साक्षात्कार के दौरान आरोप लगाया था कि “किसानों के विरोध और पत्रकार जो सरकार के आलोचक थे, उनको लेकर भारत सरकार के पास से हमारे पास कई अनुरोध आए और कहा गया कि हमें(ट्विटर) भारत में बंद कर दिया जाएगा, जो हमारे लिए एक बहुत बड़ा बाजार है। कुछ कर्मचारियों के घरों पर छापा मारा गया और कहा गया कि अगर आप पालन नहीं करते हैं तो हम आपके कार्यालय बंद कर देंगे।”