टेन न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली (12/06/2023): दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज सोमवार को पश्चिमी दिल्ली के उत्तम नगर में नई स्कूल बिल्डिंग का उद्घाटन कर दिल्ली के लोगों को समर्पित किया। इस मौके पर दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी भी मौजूद रहीं। इस दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम दिल्ली की शिक्षा क्रांति को हम रूकने नहीं देंगे।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने संबोधन में कहा कि “यह स्कूल 1985 में बना था, 37 साल में बीजेपी-कांग्रेस दोनों की सरकारें रहीं। लेकिन दोनों के एजेंडे में स्कूल और बच्चों की अच्छी शिक्षा नहीं थी। फिर आम आदमी पार्टी की सरकार आई, जिसकी राजनीति ही हर बच्चे को अच्छी शिक्षा देना है। टिन वाले स्कूल को शानदार स्कूल बना दिया।”
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि “पहले सरकारी स्कूल जाने वाले बच्चों में हीन भावना होती थी। लेकिन हमने इतना शानदार स्कूल बना दिए हैं कि अब सरकारी स्कूलों के बच्चों में गज़ब का कॉन्फिडेंस है। इस स्कूल का ऑडिटोरियम बहुत शानदार है, आपको दिल्ली के 99% स्कूलों में ऐसा ऑडिटोरियम नहीं मिलेगा। MCD के 1800 स्कूल हैं, जैसे दिल्ली सरकार के सभी स्कूल ठीक कर दिए, वैसे ही MCD के भी सभी स्कूल शानदार कर देंगे।”
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि “जब नौकरी नहीं मिलती तो बच्चा सोचता है कि ऐसी पढ़ाई-लिखाई का क्या फ़ायदा। इसलिए हमने दिल्ली के सरकारी स्कूलों में ‘बिजनेस ब्लास्टर्स एंटरप्रेन्योरशिप’ कार्यक्रम शुरू किया। सरकारी स्कूल के 11वीं-12वीं में 3 लाख बच्चे पढ़ते हैं। बच्चों की 52,000 टीम तैयार हुई, कुछ टीम बिज़नेस करने के लिए इन्नोवेटिव आइडिया लाए। अगर बच्चा स्कूल-कॉलेज से ही बिजनेस करना सीख जाएगा तो परिवार, आस-पास के लोगों को रोज़गार दे सकता है।”
वहीं मौजूदा शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि “एक और स्कूल, टिन शेड से शानदार बिल्डिंग में तब्दील हुआ। 2015 में सैंकड़ों ऐसे स्कूल थे जहां बुरा हाल था। सब सोचते थे शायद सरकारी स्कूल ऐसे ही होते हैं क्योंकि यहां गरीब का बच्चा पढ़ता है। ये बदला मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने। चाहे कोई अमीर परिवार से हो या गरीब परिवार से, उन्हें सबसे अच्छी शिक्षा मिलनी चाहिए।”
उन्होंने आगे कहा कि “पिछले 5 साल से हमारे सरकारी स्कूलों में प्राइवेट प्राइवेट से बेहतर रिजल्ट आ रहे हैं। सरकारी स्कूल से बच्चे JEE-NEET क्लियर कर रहे हैं। 3 लाख से अधिक बच्चे प्राइवेट स्कूलों से नाम कटाकर सरकारी स्कूलों में आए हैं। बच्चे पहले आंख नहीं मिलाते थे, अब कॉन्फिडेंस आसमान छू रहा है।”