नई दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि उन्हें केंद्र सरकार के नोटबंदी के कदम की कोई जानकारी नहीं थी और यही कारण है कि उन्हें तो खुद नोट बदलवाने के लिए अमेरिका से भारत वापस आना पड़ा था.
अपनी किताब के सिलसिले में यहां आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने यह बात कही. उन्होंने कहा कि वे कभी भी नोटबंदी के पक्ष में नहीं रहे क्योंकि उनका मानना था कि नोटबंदी की तात्कालिक लागत इसके दीर्घकालिक फायदों पर भारी पड़ेगी.
गवर्नर पद पर राजन का तीन साल का कार्यकाल चार सितंबर 2016 को पूरा हो गया. सरकार ने आठ नवंबर 2016 को नोटबंदी की घोषणा की जिसके तहत 500 व 1000 रुपये के मौजूदा नोटों को चलन से बाहर कर दिया गया.
एक अन्य सवाल के जवाब में राजन ने कहा कि जीडीपी वृद्धि को बल देने के लिए भारत को तीन क्षेत्रों बुनियादी ढांचा, बिजली व निर्यात पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए.