टेन न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली (26/05/2023): सुप्रीम कोर्ट ने 28 मई को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा नए संसद भवन का उद्घाटन करने का निर्देश देने वाली जनहित याचिका को खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अब साफ हो गया है कि नए संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट के वकील सीआर जया सुकिन ने जनहित याचिका दायर की थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए खारिज कर दिया है। इस याचिका पर नाराजगी जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस तरह का आदेश देना कोर्ट का काम नहीं है। याचिकाकर्ता साबित नहीं कर पा रहा है कि उनके किस अधिकार का हनन हुआ है। हम जानते हैं कि ये याचिका दायर करने के पीछे क्या उद्देश्य है? आप इस बात के आभारी रहें कि हम आप पर जुर्माना नहीं लगा रहे हैं। कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि संसद के उद्घाटन से आपका क्या संबंध है। इस मामले से कौनसा जनहित जुड़ा हुआ है। वहीं सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद याचिकाकर्ता ने अपने याचिका वापस ले ली।
सुप्रीम कोर्ट के वकील सीआर जया सुकिन ने जनहित याचिका में कहा था कि “उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति को शामिल नहीं करके भारत सरकार ने भारतीय संविधान का उल्लंघन किया है। ऐसा करके संविधान का सम्मान नहीं किया जा रहा है। संसद भारत का सर्वोच्च विधायी निकाय है। भारतीय संसद में राष्ट्रपति और दो सदन (राज्यों की परिषद) राज्यसभा और जनता का सदन लोक सभा शामिल हैं। राष्ट्रपति के पास किसी भी सदन को बुलाने और सत्रावसान करने की शक्ति है। साथ ही संसद या लोकसभा को भंग करने की शक्ति भी राष्ट्रपति के पास है।”
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को यानी रविवार को नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे। वहीं कांग्रेस समेत करीब 21 दलों ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने का ऐलान किया है।