राज्य चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित निगम वा र्डों का आरक्षण सिद्धांत अव्यवहारिक

राज्य चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित निगम वार्डों का आरक्षण सिद्धांत अव्यवहारिक व 74 वें संविधान संशोधन का उल्लंघन एकीकृत दिल्ली नगर निगम की निर्माण समिति के पूर्व अध्यक्ष जगदीश ममगांई ने राज्य चुनाव आयोग द्वारा निगम वार्डों के आरक्षण सिद्धांत को अव्यवहारिक व मनमाना बताते हुए इस पर विरोध जताया है । राज्य चुनाव आयुक्त एस के श्रीवास्तव को लिखे पत्र में उन्होंने आपत्ति की कि विधानसभा सुल्तान पुर माजरा व विधानसभा गोकुलपुर के चारों वार्ड अनुसूचित जाति के लिए, विधानसभा मंगोलपुरी के चार वार्ड में से तीन अनुसूचित जाति व एक महिला के लिए यानि चारों वार्ड आरक्षित, विधानसभा करोलबाग के तीन वार्ड में से दो अनुसूचित जाति व एक महिला के लिए यानि तीनों वार्ड आरक्षित, विधानसभा तुगलकाबाग के तीन वार्ड में से दो अनुसूचित जाति व एक महिला के लिए यानि तीनों वार्ड आरक्षित, विधानसभा त्रिलोकपुरी के चार वार्ड में से तीन अनुसूचित जाति व एक महिला के लिए यानि चारों वार्ड आरक्षित कर दिए गए हैं । इन विधानसभाओं में सामान्य श्रेणी के व्यक्ति के चुनाव लडने का कोई मौका नहीं है ।74 वें संविधान संशोधन के तहत हर पांच वर्ष के उपरान्त सामान्य, महिला, अनुसूचित जाति व अनुसूचित महिला हेतु नियमितरोटेशन(आवर्तन) किया जाएगा । इसके पीछे की मंशा यह थी आयोग पलटी मार गया है ।