अफसरों के तबादले को लेकर सियासी बवाल जारी, मनोज तिवारी ने केजरीवाल को लपेटा

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली, (20/05/2023): दिल्ली में अफसरों के तबादले को लेकर सरकार और एलजी के बीच जारी तकरार के बीच केंद्र सरकार ने नया अध्यादेश लाकर अफसरों के तबादले का अधिकार सीधे तौर पर एलजी को दे दिया है। अध्यादेश में कहा गया है की दिल्ली में एक नेशनल कैपिटल सिविल सर्विस अथॉरिटी होगी। इसके मेम्बर ये होंगे दिल्ली के मुख्यमंत्री, चीफ सेक्रेटरी दिल्ली, प्रिंसिपल होम सेक्रेटरी दिल्ली। यही अथॉरिटी ग्रुप ए और डेनिस के अधिकारियों के तबादले की सिफ़ारिश करेगी सिफ़ारिश पर अंतिम अधिकार LG का होगा।

दिल्ली में एलजी बनाम दिल्ली सरकार के बीच केंद्र सरकार द्वारा लाई गई अध्यादेश का भारतीय जनता पार्टी ने स्वागत किया है। बीजेपी का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पारा 95 में यह बात कही गई है कि संसद लेफ्टिनेंट गवर्नर के अधिकार को तय करने के लिए नया कानून बना सकती है। अध्यादेश आने के बाद जाने के बाद आखिर आम आदमी पार्टी को बौखलाहट क्यों है।

बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने टेन न्यूज से कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दिल्ली सरकार अफसरों को डरा रही थी, धमका रही थी, भय का माहौल पैदा कर रही थी ऐसे में अध्यादेश लाना बिल्कुल जरूरी था। दिल्ली सरकार के मंत्री अफसरों के दफ्तर से उनके घोटाले का फाइल चुरा रहे थे। दिल्ली को लूटने का काम किया जा रहा था इसलिए यह अध्यादेश लाया गया है।

मनोज तिवारी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल की पोल अब दिल्ली की जनता के सामने खुल चुकी है और वो पूरी तरह एक्सपोज़ हो चुके हैं। केजरीवाल और उनके नेता संवैधानिक मर्यादाओं को भूलकर गुंडागर्दी पर उतर आए हैं। इस बीच दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि कल जो ऑर्डिनेंस आया है, भाजपा उसका स्वागत करती है। दिल्ली की गरिमा के लिए और जनता के हितों की रक्षा के लिए ये ऑर्डिनेंस जरूरी था। असली मुद्दों से ध्यान हटाने की कोशिश अरविंद केजरीवाल हमेशा करते हैं, केजरीवाल बताएं कि उन्होंने जनता के पैसे अपना राजमहल बनाने पर क्यों बर्बाद किए। वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि लड़ने, झगड़ने और धरने देने का केजरीवाल का रवैया अभी तक नहीं बदला। अरविंद केजरीवाल एक आंदोलनजीवी हैं। केजरीवाल टकराव की राजनीति करते हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की आड़ में केजरीवाल जो गुंडागर्दी कर रहे हैं उसे कोई स्वीकार नहीं करेगा।