टेन न्यूज नेटवर्क,
नई दिल्ली, 19/05/2023
दिल्ली में ट्रांसफर और पोस्टिंग को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सियासी तकरार देखने को मिल रहा था। इस बीच केंद्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए एक अध्यादेश लाई है जिसमें साफ तौर पर कहा गया है कि अब दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग पर सीधे तौर पर एलजी का ही अधिकार होगा।
दिल्ली में राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण के गठन के लिए केंद्र द्वारा एक अध्यादेश पारित किया गया है। इसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री, दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव और गृह सचिव शामिल हैं। वे अब दिल्ली सरकार में सेवारत समूह ‘ए’ अधिकारियों और दानिक्स अधिकारियों के स्थानांतरण और पोस्टिंग पर निर्णय लेंगे। आदेश में कहा गया है, बशर्ते यह भी कि मतभेद की स्थिति में उपराज्यपाल का निर्णय अंतिम होगा।
केंद सरकार की तरफ से लाए गए अध्यादेश का भारतीय जनता पार्टी ने स्वागत किया है। दिल्ली बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि दिल्ली में विश्व के हर देश के राजदूत रहते हैं और यहाँ जो कुछ प्रशासकीय अनहोनी होती है उससे विश्व भर में भी भारत की गरिमा खराब होती है।
इस सरकार के भ्रष्टाचार ने भी दिल्ली को काफी शर्मसार किया है और अब गत एक सप्ताह में जिस तरह अरविंद केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के प्रशासन को बदनाम कर मनमानी करने का प्रयास किया उसके चलते केन्द्र सरकार जो अध्यादेश लाई है भारतीय जनता पार्टी उसका स्वागत करती है।
केंद्र के अध्यादेश के बाद बीजेपी ने इसका स्वागत किया तो वही आम आदमी पार्टी ने कहा कि यह सुप्रीम कोर्ट और संविधान के साथ छल किया गया है। आम आदमी पार्टी सरकार में मंत्री आतिशी ने कहा कि केंद्र सरकार जो अध्यादेश लाई है, ये सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ की अवमानना है।