टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (18/05/2023): तमिलनाडु और महाराष्ट्र जैसे साउथ के इलाकों में सांडों को काबू करने वाले पारंपरिक खेल जलीकट्टू की अनुमति देने वाला कानून की वैधता को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। आपको बता दें कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी जिसमें 5 जजों वाली बेंच ने सुनवाई किया है।
सर्वोच्च न्यायालय ने सांडों को वश में करने वाले खेल जल्लीकट्टू और बैलगाड़ी दौड़ की अनुमति देने वाले राज्यों के कानूनों की वैधता को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया। फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि ‘जल्लीकट्टू’ तमिलनाडु की सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य में सांडों को वश में करने वाले खेल ‘जल्लीकट्टू’ की अनुमति देने वाले तमिलनाडु के कानून को बरकरार रखा है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि पशुओं के प्रति क्रूरता की रोकथाम तमिलनाडु संशोधन अधिनियम, 2017, जानवरों के दर्द और पीड़ा को काफी हद तक कम करता है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद तमिलनाडु के कानून मंत्री एस.रघुपति ने जल्लीकट्टू की वैधता बरकरार रखने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ‘ऐतिहासिक’ बताया है।।