टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (17 मई 2023): सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन का आज चुनाव होने वाला है। चुनावी बिगुल बजने के बाद गहमागहमी का माहौल बना हुआ है। इस चुनाव की खास बात यह है कि यह चुनाव दलगत चुनाव नहीं होता बल्कि व्यक्ति उन्मुखी चुनाव होता है।
आम चुनाव से क्या है अलग
आम चुनाव अर्थात् विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव दलीय आधार पर होता है वहीं सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन का चुनाव व्यक्ति उन्मुखी होता है। यहां चुनाव दलीय पहचान के आधार पर नहीं बल्कि व्यक्ति के पहचान के आधार पर होता है।
आम चुनाव से क्या है समानता
कई मायनों में यह चुनाव भी आम चुनाव अर्थात् विधानसभा चुनाव एवं लोकसभा चुनाव के समान ही होता है। जिस प्रकार आम चुनाव में जातिवाद, धर्म, लिंग एवं आंतरिक गुटबाजी हावी रहता है ठीक उसी प्रकार सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के चुनाव में भी जातिवाद, धर्म एवं आंतरिक गुटबाजी हावी है। वहीं इस चुनाव में भी महिलाओं की सहभागिता काफी कम है। चुनाव में महिलाएं काफी कम अनुपात में भाग लेती है। जहां एकतरफ आम चुनाव में 33 फीसदी महिलाओं के आरक्षण की बात की जाती है वहीं सुप्रीम कोर्ट बार चुनाव में महिलाओं की भागीदारी काफी कम है। लेकिन कई मुद्दों पर अधिवक्ता आपस में बंटे हुए हैं। अच्छी बात यह है कि यहां जो प्रत्याशी मैदान में हैं उन्हें अधिवक्ताओं के समक्ष अपनी बात को रखने का एक उपयुक्त अवसर दिया जाता है। जिससे वो सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के सदस्यों के बीच अपनी आगामी रणनीति को प्रस्तुत कर पाते हैं।
क्या है चुनाव के मुद्दे
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन का आज चुनाव होना है। ऐसे में अधिवक्ताओं के बीच गहमागहमी का माहौल है। टेन न्यूज नेटवर्क की टीम ने अपने खास कवरेज के दौरान पाया कि इसबार चुनाव में अधिवक्ताओं के लिए चैम्बर्स , पार्किंग की सुविधा, मेडिकल की व्यवस्था और कैंटीन में खाद्य पदार्थों के गुणवत्ता में सुधार सहित अधिवक्ताओं के चैंबर की समस्या जैसे प्रमुख मुद्दे हैं। और कहीं ना कहीं इन्हीं मुद्दों के चारों तरफ इसबार का चुनाव केंद्रित है।
कैसे होता है चुनाव में प्रचार
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन चुनाव को लेकर गहमागहमी का माहौल बना है। अधिवक्ता व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से, पोस्टर के माध्यम से एवं अन्य सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार प्रसार करते हैं। वहीं प्रत्याशियों पर अवैध संपति, धोखाधड़ी, एवं व्यक्तिगत आक्षेप लगाते हैं।
क्या है सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन
ज्ञात हो कि भारत में न्यायिक व्यवस्था पूर्ण स्वतंत्र है। न्यायलय में कार्यरत सभी न्यायाधीशों , अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सरकारी कोष से उनके वेतन और अन्य सुविधाओं के लिए पैसे की भुगतान की जाती है। लेकिन वहीं अधिवक्ताओं को इस प्रकार के किसी धन का भुगतान नहीं होता। इसीलिए सुप्रीम कोर्ट समेत अलग अलग हाई कोर्ट के अधिवक्ताओं का एक संगठन है जो अधिवक्ताओं के हित एवं उनको सुविधा मुहैया करने की सेवा करता है और उनके लिए आवाज उठाता है। अधिवक्ताओं के इस संगठन में 25 हजार से अधिक अधिवक्ता जुड़े हुए हैं। लेकिन कुछ एक्टिव 2500 अधिवक्ताओं को ही मतदान करने का अधिकार है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के प्रेसिडेंट, वाइस प्रेसिडेंट सहित तमाम पदों के लिए आज यानी 17 मई को चुनाव होना है।।