नई दिल्ली: भारत में ‘ब्लू वेल’ गेम अबतक कई बच्चों की जान ले चुका है. यह 50 दिनों तक खेला जाने वाला खतरनाक इंटरनेट गेम है, जो खास तौर पर बच्चों को अपना निशाना बनाता है. यह पड़ताल की गई कि दुनियाभर में कहां सर्च इंजन पर इसे सबसे ज्यादा सर्च किया गया. गूगल ट्रेंड के मुताबिक कोलकाता इसमें टॉप पर है और 54 फीसदी सर्च के साथ बेंगलुरु छठे नंबर पर है. ऐसे खतरनाक गेम को सर्च करने वाले शहरों में भारत के शहर का टॉप पर होना हैरान करने वाला है.
टॉप 10 में अन्य भारतीय शहर गुवाहाटी, चेन्नै, मुंबई, दिल्ली और हावड़ा हैं. भारत के अलावा अन्य देशों के तीन शहर हैं, सैन-ऐंटोनियो, नैरोबी और पैरिस. आंकड़े बताते हैं कि पिछले एक साल में भारत ब्लू वेल सर्च करने वाले देशों में तीसरे नंबर पर रहा है. सर्च किए गए कीवर्ड्स में टॉप पर हैं, ‘ब्लू वेल चैलेंज गेम, ‘द वेल गेम,’ ‘ब्लू वेल गेम डाउनलोड,’ ‘ब्लू वेल एपीके’ और ‘ब्लू वेल सूइसाइड चैलेंज. यह भी पढ़ें: अब दिल्ली पुलिस खेलेगी ब्लू व्हेल गेम, पता लगाएगी बच्चे क्यों करते हैं सुसाइड
क्या है ब्लू वेल गेम
द ब्लू वेल गेम को 2013 में रूस से फिलिप बुडेकिन ने बनाया था. इस खेल में एक एडमिन होता है, जो खेलने वाले को अगले 50 दिन तक बताते रहता है कि उसे आगे क्या करना है. अंतिम दिन खेलने वाले को खुदकुशी करनी होती है और उससे पहले एक सेल्फी लेकर अपलोड करनी होती है.
गेम खेलने वाले को हर दिन एक कोड नंबर दिया जाता है, जो हॉरर से जुड़ा होता है. इसमें हाथ पर ब्लेड से F57 लिखकर इसकी फोटो अपलोड करने के लिए कहा जाता है. इसके अलावा हर रोज के खेल के लिए एक कोड होता है, जो सुबह चार बजे ही ओपन हो सकता है. इस गेम का एडमिन स्काइप के जरिए गेम खेलने वाले से बात करता रहता है. हर टास्क के पूरा होने पर हाथ में एक कट लगाने के लिए कहा जाता है और उसकी फोटो अपलोड करने को कहा जाता है. गेम का विनर उसे ही घोषित किया जाता है, जो अंतिम दिन जान दे देता है.
जेल में है गेम बनाने वाला
यह गेम 2013 में रूस में बना था, लेकिन सुसाइड का पहला मामला 2015 में आया था. इसके बाद गेम बनाने वाले फिलिप को जेल भेज दिया गया. जेल जाने के दौरान अपनी सफाई में फिलिप ने कहा था कि ये गेम समाज की सफाई के लिए है. जिन लोगों ने भी गेम की वजह से आत्महत्या की, वो बॉयोलॉजिकल वेस्ट थे.