सरकार का व्यवहार ऐसा होना चाहिए कि सामान्य मानव भी उससे अपनी बातें साझा करे: पीएम मोदी

टेन न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली (27/04/2023): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गुरूवार को गुजरात में स्वागत पहल के 20 साल पूरे होने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकार का व्यवहार ऐसा होना चाहिए कि सामान्य मानव भी उनसे अपनी बातें साझा करें, उसे दोस्त समझे।

पीएम मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि “मुझे इस बात का संतोष है कि हमने जिस उद्देश्य से स्वागत को शुरू किया था वे पूरी तरह से सफल हो रहा है। इसके जरिए लोग ना सिर्फ अपनी समस्या का हल कर पा रहे हैं बल्कि अपेन साथ- साथ सैकड़ों परिवारों की बात उठा रहे हैं। मेरा मानना है कि सरकार का व्यवहार ऐसा होना चाहिए कि सामान्य मानव भी उनसे अपनी बातें साझा करें, उसे दोस्त समझे।”

पीएम मोदी ने कहा कि “2003 में मैंने जब स्वागत की शुरूआत की थी तब मुझे गुजरात में मुख्यमंत्री के रूप में ज्यादा समय नहीं हुआ था। उससे पहले मेरा ज्यादातर जीवन कार्यकर्ता के रूप में बीता था। कुर्सी मिलने के बाद मैंने मन में ही सोचा था कि मैं वैसा ही रहूंगा जैसा लोगों ने मुझे बनाया है, मैं कुर्सी का गुलाम नहीं बनूंगा। मैं जनता-जनार्दन के बीच रहूंगा, जनता-जनार्दन के लिए रहूंगा‌। शासन एक निर्जीव व्यवस्था नहीं है, यह जीवन से भरा है। शासन एक ऐसी व्यवस्था है जो संवेदनशील होती है। शासन लोगों के सपनों, आकांक्षाओं और संकल्पों से जुड़ा है।”

पीएम मोदी ने कहा कि “हमारे देश में दशकों से ये मान्यता चली आ रही थी कि कोई भी सरकार आए उसे बनी-बनाई लकीरों पर ही चलते रहना होता है। लेकिन ‘स्वागत’ के माध्यम से गुजरात ने इस सोच को भी बदलने का काम किया है। हमने बताया कि शासन सिर्फ नियम, कानून और लकीरों तक सीमित नहीं होती है। इनोवेशन से शासन होती है। नए विचारों से शासन होती है। शासन प्राणहीन व्यवस्था नहीं है, ये जीवंत व्यवस्था होती है, संवेदनशील व्यवस्था होती है। शासन लोगों की जिंदगियों से, सपनों से और संकल्पों से जुड़ी हुई एक प्रगतिशील व्यवस्था होती है।”