ताज़ा हालात पर
एक अजब मायाजाल है बाबा
जिसमे सबकुछ हलाल है बाबा
उसकी कथनी में और करनी में
किस कदर झोलझाल है बाबा
पहली शह में ही मात दे दी तुझे
वक़्त की ऐसी चाल है बाबा
अब से पहले क्या सारे अंधे थे
ज़ेहन में ये सवाल है बाबा
उसकी हर बात केल्कुलेटेड है
ये ही उसका कमाल है बाबा
फिर वही ज़ुल्म फिर वही आहें
फिर तुम्हारा ज़वाल* है बाबा
वो खफा है बस इतना पूछा था
और क्या हालचाल है बाबा
लानतों का असर नहीं होता
किस कदर मोटी खाल है बाबा
*आदिल रशीद*
*ज़वाल *पतन *ज़ेहन *दिमाग