KAVI ADIL RASHID ON GURMEET RAM RAHIM – LANTHO KA ASAR NAHI HOTA BABA

ताज़ा हालात पर
एक अजब मायाजाल है बाबा
जिसमे सबकुछ हलाल है बाबा
उसकी कथनी में और करनी में
किस कदर झोलझाल है बाबा
पहली शह में ही मात दे दी तुझे
वक़्त की ऐसी चाल है बाबा
अब से पहले क्या सारे अंधे थे
ज़ेहन में ये सवाल है बाबा
उसकी हर बात केल्कुलेटेड है
ये ही उसका कमाल है बाबा
फिर वही ज़ुल्म फिर वही आहें
फिर तुम्हारा ज़वाल* है बाबा
वो खफा है बस इतना पूछा था
और क्या हालचाल है बाबा
लानतों का असर नहीं होता
किस कदर मोटी खाल है बाबा
*आदिल रशीद*
*ज़वाल *पतन *ज़ेहन *दिमाग