टेन न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली (24/04/2023): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सोमवार को मध्यप्रदेश के रीवा में राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर आयोजित पंचायती राज सम्मेलन कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2300 करोड़ रुपए से अधिक की विभिन्न रेल परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि “आप सभी को, देश की 2.5 लाख से अधिक पंचायतों को ‘राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस’ की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। आज आपके साथ 30 लाख से अधिक पंचायत प्रतिनिधि भी हमारे साथ वर्चुअली जुड़े हुए हैं। ये निश्चित रूप से भारत के लोकतंत्र की बहुत ही सशक्त तस्वीर है। हम सभी जनता के प्रतिनिधि हैं। हम सभी इस देश के लिए, इस लोकतंत्र के लिए समर्पित हैं। काम के दायरे भले ही अलग हों, लेकिन लक्ष्य एक ही है- जनसेवा से राष्ट्रसेवा।”
पीएम मोदी ने आगे कहा कि “आजादी के इस अमृतकाल में हम सभी देशवासियों ने विकसित भारत का सपना देखा है और उसे पूरा करने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। भारत को विकसित बनाने के लिए भारत के गांवों की सामाजिक व्यवस्था को विकसित करना जरूरी है। भारत को विकसित बनाने के लिए भारत के गांवों की आर्थिक व्यवस्था को विकसित करना जरूरी है। भारत को विकसित बनाने के लिए भारत के गांवों की पंचायती व्यवस्था को भी विकसित करना जरूरी है। इसी सोच के साथ हमारी सरकार देश की पंचायत व्यवस्था को मजबूत करने के लिए लगातार काम कर रही है।”
पीएम मोदी ने कहा कि “2014 से पहले 10 साल में केंद्र सरकार की मदद से 6000 के आसपास पंचायत भवन बनाए गए थे। हमारी सरकार न 8 साल में 30,000 से ज्यादा नए पंचायत भवन बनवाए हैं। ये दिखाता है कि हम गांव के लिए कितने समर्पित हैं। हमारी सरकार देश की 2 लाख से ज्यादा पंचायतों तक ऑप्टिकल फाइबर को ले गई है। फर्क साफ है कि आजादी के बाद की सरकारों ने भारत की पंचायती राज व्यवस्था को ध्वस्त किया। जो व्यवस्था सैकड़ों वर्ष, हजारों वर्ष पहले से थी, उसी पंचायती राज व्यवस्था पर आजादी के बाद भरोसा ही नहीं किया गया।”
पीएम मोदी ने कहा कि “हम पंचायतों की मदद से गांवों और शहरों के बीच की खाई को लगातार कम कर रहे हैं। डिजिटल क्रांति के इस युग में पंचायतों को स्मार्ट बनाया जा रहा है। टेक्नोलॉजी का भरपूर इस्तेमाल हो रहा है। आज ई-ग्राम स्वराज-जेम इंटीग्रेटेड पोर्टल का शुभारंभ किया गया है। इससे पंचायतों के माध्यम से होने वाली खरीद की प्रक्रिया सरल और पारदर्शी बनेगी।”