समाजसेवी अन्ना हजारे ने लोकपाल के मुद्दे पर एक बार फिर आंदोलन की चेतावनी दी है. अन्ना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक लंबा पत्र लिखकर अपनी नाराजगी जताई है. उन्होंने लोकपाल, लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं होने सहित कई मुद्दे उठाए हैं.
अन्ना ने कहा कि 6 साल बाद भी अभी तक भ्रष्टाचार को रोकने वाले कानून पर अमन नहीं हुआ. लोकपाल और लोकायुक्त की नियुक्ति से जुड़े सशक्त विधेयकों पर सरकार सुस्त बैठी है. किसानों की समस्याओं पर स्वामीनाथ आयोग की रिपोर्ट पर भी अमल नहीं हुआ. अन्ना ने लिखा कि मैंने इन तमाम मुद्दों पर पत्र लिखा लेकिन जवाब नहीं मिला. इसे देखते हुए मैंने दिल्ली में फिर आंदोलन करने का फैसला किया है.
अन्ना हजारे ने पीएम को लिखे पत्र में कहा कि लोकपाल और लोकायुक्त पर कानून बनने के दौरान विपक्ष में रही बीजेपी ने संसद के दोनों सदनों में इसका पुरजोर समर्थन किया था. 2014 में आपकी सरकार भी बनी. लोकपाल आंदोलन के बाद जनता ने बहुत उम्मीदों से आपके नेतृत्व में नई सरकार को चुना था.
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अन्ना ने लिखा, नई सरकार को प्रतीक्षित मुद्दों पर समय देना जरूरी था. ऐसा सोचकर मैंने पिछले तीन साल में आपको याद दिलाने के लिए कई बार पत्र लिखा था. लेकिन ना तो आपने पत्र का जवाब दिया और ना ही इन बातों पर अमल किया. न कभी जनता से संवाद करते हुए और न कभी मन की बात में लोकपाल और लोकायुक्त की बात का जिक्र किया. सत्ता में आने से पहले आपने देश को भ्रष्टाचारमुक्त देश देने का वायदा किया था.
उन्होंने लिखा, आश्चर्यजनक है कि जिन राज्यों में विपक्ष की सरकारें हैं वहां तो नहीं, लेकिन जिन राज्यों में आपकी पार्टी की सरकार है वहां भी लोकयुक्त नियुक्त नहीं किए गए हैं. इससे स्पष्ट होता है के आपके पास लोकपाल, लोकायुक्त नियुक्त करने की इच्छाशक्ति का अभाव है.
इससे पहले मैंने 28 मार्च 2017 को आपको पत्र लिखकर कहा था कि अगर लोकपाल, लोकायुक्त की नियुक्ति पर अमल नहीं होता है तो मेरा अगला पत्र दिल्ली में आंदोलन करने के बारे में होगा. उसी पत्र के मुताबिक मैंने देश और समाज की भलाई के लिए दिल्ली में आंदोलन करने का फैसला लिया है.