टेन न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली (21/04/2023): कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने VVPAT की खराब मशीनें पर सवाल उठाया है। उन्होंने ‘द वायर’ की एक रिपोर्ट के हवाला देते हुए कहा कि 37% VVPAT मशीनें खराब पाई गई हैं। 2018 में VVPAT अलग अलग जगहों से खरीदी गई थी। 2018 में खरीदी गई ये VVPAT का उपयोग न केवल 2019 के लोकसभा चुनाव में हुआ लेकिन उसके बाद के तमाम चुनावों में भी इन्हीं VVPAT का उपयोग हुआ।
उन्होंने आगे कहा कि VVPAT लाने का मकसद यह था कि लोगों का ईवीएम पर और चुनावी प्रक्रिया पर भरोसा और मजबूत बने और उन्हें कोई संशय ना रहे कि अगर मैंने हाथ में बटन दबाया है तो वो वोट हाथ पर ही गया है या नहीं। वोटर को भरोसा मजबूती से मिले इसलिए VVPAT लाया गया था।
उन्होंने कहा कि 37% यानी 17,50,000 VVPAT में से एक तिहाई से ज्यादा 6,50,000 VVPAT खराब पाई गई। कितना गंभीर यह मसला है। उन्होंने चुनाव आयोग की चिट्ठी दिखाकर कहा कि चुनाव आयोग ने जनवरी 2022 में इन VVPAT निर्माताओं कंपनी को चिट्ठी लिखी कि ये VVPAT खराब है। शंका की आग की चिंगारी ऐसे नहीं पनपी है।
उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि एक ही सीरीज के सीरियल नंबर वाली हजारों मशीनों के खराब होने पर भी SOP फॉलो नहीं किया गया। आखिर सरकार क्या छुपा रही है?