सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन का सरकार एवं न्यायपालिका से मधुर संबंध ही वकीलों के हित में है: डॉ आदिश अग्रवाल, वरिष्ठ अधिवक्ता SC

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (19 अप्रैल 2023): आगामी 17 मई को सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं सचिव सहित तमाम पदों पर चुनाव होना है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के कई अधिवक्ता खुलकर अपनी बात और अपनी समस्याओं को मीडिया के सामने रख रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष पद के लिए जो प्रत्याशी मैदान में हैं उनमें वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ आदिश अग्रवाल सबसे मजबूत और अग्रणी दावेदार हैं। सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ताओं द्वारा उठाए गए तमाम समस्याओं, सवालों के मद्देनजर टेन न्यूज की टीम ने डॉ आदिश अग्रवाल से खास बातचीत की और उनसे जाना कि यदि वह जीतकर आते हैं तो इन सभी समस्याओं के समाधान के लिए क्या और कैसे करेंगे।

टेन न्यूज नेटवर्क से बातचीत करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ आदिश अग्रवाल ने कहा कि बार एसोसिएशन का सरकार एवं न्यायपालिका के साथ एक मधुर संबंध एवं समन्वय होनी चाहिए। क्योंकि संबंध अच्छे नहीं होंगे तो हम वकीलों के फायदे के लिए ना तो सरकार से कोई चीज पा सकेंगे और ना ही न्यायपालिका से। आपने देखा कि अभी कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट में वकीलों के चैंबर को लेकर रिट जारी किए गए लेकिन कॉर्डियल रिलेशन (मधुर संबंध) नहीं होने के कारण से सुप्रीम कोर्ट ने उस पेटिशन को डिसमिस कर दिया। जब हमारे संबंध मधुर होते हैं तो हम कोर्ट से न्यायपालिका से सभी चीज करा सकते हैं। वर्तमान मुख्य न्यायाधीश एवं अन्य न्यायधीश समस्याओं को लेकर काफी जागरूक एवं तत्पर हैं, परंतु उनसे लड़कर हम कुछ नहीं ले सकते हैं। हम उनका दिल जीतकर उन्हें समझाकर ही कुछ ले सकते हैं। डॉ आदिश अग्रवाल ने कहा कि पूर्व में भी हमने मुलायम सिंह जी से दस एकड़ की जमीन नोएडा में दिलवाई थी। ऐसे ही हरियाणा सरकार से हम फरीदाबाद के अंदर वकीलों के लिए जमीन दिलाएंगे, बातचीत आगे बढ़ी हुई है।

वकीलों के चैंबर की है समस्या

बड़ी समस्या का जिक्र करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ अग्रवाल ने कहा कि आज सुप्रीम कोर्ट में जो नियमित प्रैक्टिस करने वाले वकील हैं, उनमें से आधे से अधिक वकीलों को बैठने की जगह नहीं है। लोअर कोर्ट में वकीलों के लिए जो सुविधाएं हैं वह सुप्रीम कोर्ट से अच्छी है। क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में हमारे लीडरशिप ने कभी ये ध्यान नहीं दिया। जो चैंबर बनाए गए हैं वो भी काफी पीछे बनाए गए हैं जहां वकील यदि एकबार चले गया तो फिर वो दुबारा कोर्ट में नहीं आ सकेगा। हम उन सभी वकीलों के लिए जो नियमित प्रैक्टिस करते हैं वहीं बैठने की व्यवस्था करेंगे जिसका एक भी पैसा चार्ज नहीं लिया जाएगा।

पार्किंग की है बड़ी समस्या

वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ आदिश अग्रवाल ने टेन न्यूज से बातचीत में कहा कि यहां पार्किंग की बड़ी समस्या है, दिल्ली उच्च न्यायालय की तरह ही हम अंदरग्राउंड पार्किंग बनवाएंगे। पीएम मोदी जायज बात के लिए हर चीज करने को तैयार हैं। एक प्रोटेक्शन बिल की आवश्यकता है जो देशभर के वकीलों को प्रोटेक्ट करें। साथ ही उन्होंने कहा कि आज देश में रेवेन्यू का एक बड़ा हिस्सा न्यायपालिका से आती है लेकिन महज 11 फीसदी ही न्यायपालिका पर खर्च की जाती है।

कार्यव्यवस्था में सुधार की जरूरत

टेन न्यूज से बातचीत में वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ अग्रवाल ने कहा कि रिजिस्ट्री में सुधार की जरूरत है, हमारे जजेज काफी मेहनत करते हैं एक जज के पास सौ सौ केस उनके टेबल पर होते हैं लेकिन रिजिस्ट्री में सुधार की जरूरत है। उनके पास काफी कम आदमी होने की वजह से काफी समय लग जाता है।

आखिरी में उन्होंने कहा कि हमारे वर्तमान मुख्य न्यायाधीश सभी जायज बातों को मानने के लिए और समस्याओं के समाधान के लिए सदैव तत्पर रहते हैं, मुझे पूरी उम्मीद है कि इन सभी समस्याओं को सहजता से उनके समक्ष रखा जाएगा तो इन सभी समस्याओं का समाधान करेंगे।

गैरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले कई अधिवक्ताओं ने मीडिया से बातचीत में अपनी समस्याओं को बताते रहे हैं। कई अधिवक्ताओं के माध्यम से यह बात भी निकलकर सामने आई है कि सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ताओं के लिए जो कैंटीन की व्यवस्था है उसमें भी कई सारी परेशानी हैं। कई अधिवक्ताओं ने वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं सचिव पर समस्याओं के समाधान के बजाय टालमटोल करने के आरोप भी लगाए हैं।

बहरहाल, आगामी 17 मई को सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष, सचिव सहित अन्य पदों पर चुनाव होना है। अब देखना यह होगा कि 17 मई के बाद जो लोग इन पदों पर जीतकर आते हैं वो इन तमाम समस्याओं के समाधान के लिए क्या कुछ करते हैं और कितना समाधान हो पाता है।।