दिल्ली में बिजली सब्सिडी पर एलजी और सरकार में तकरार, बीजेपी ने साधा निशाना

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली, (14/04/2023): दिल्ली में एक बार फिर बिजली सब्सिडी को लेकर आम आदमी पार्टी और एलजी में तकरार बढ़ गई है। दिल्ली सरकार में उर्जा मंत्री आतिशी ने आज एलजी पर दिल्ली वासियों को मिलने वाले बिजली सब्सिडी को रोकने का आरोप लगाया है। इस बीच दिल्ली बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि आतिशी झूठ के माध्यम से दिल्लीवासियों के अंदर भ्रम फैलाना चाहते हैं।

वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि आम आदमी पार्टी झूठ, भ्रम और अफवाह फैलाने के सिद्धांत पर बनी पार्टी है और आज फिर बिजली मंत्री आतिशी ने अपनी पार्टी की इन्हीं तीनों कलाओं का प्रदर्शन करते हुए प्रेसवार्ता कर कहा कि उपराज्यपाल ने बिजली सब्सिडी की फाइल को रोक दिया है, इसलिए कल से दिल्ली में उपभोक्ताओं को बिजली सब्सिडी नहीं मिलेगी।

वीरेंद्र सचदेवा ने कहा है कि यह खेदपूर्ण है कि आतिशी ने यह झूठा और भ्रामक बयान जारी किया जबकि उपराज्यपाल उनकी प्रेसवार्ता से काफी पहले बिजली सब्सिडी फाइल को अपनी स्वीकृति दे चुके थे। केजरीवाल सरकार की समस्या यह है कि उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना दिल्ली के साधारण नागरिकों के हित में काम करते हैं, अपने संवैधानिक अधिकारों का उपयोग करते हुए काम करते हैं और इस कारण केजरीवाल सरकार से उनका अक्सर टकराव होता है।

सचदेवा ने कहा कि यह खेदपूर्ण है कि संवैधानिक मंत्री पद पर बैठी आतिशी हो या फिर स्वयं मुख्यमंत्री यह राजनीतिक द्वेष भाव से बार-बार सर्वोच्च संवैधानिक पद पर बैठे उपराज्यपाल पर झूठे आरोप लगाते हैं। मुख्यमंत्री जवाब दें कि पावर सब्सिडी से जुड़ी फाइल जो कैबिनेट में 4 अप्रैल को स्वीकृत हो गई थी उसे उपराज्यपाल को 11 अप्रैल को क्यों भेजा?

सचदेवा ने कहा है कि जहां तक बिजली विभाग से जुड़े मामलों का मुद्दा है तो उपराज्यपाल ने पांच विशेष बिंदुओं पर सरकार से सवाल पूछे हैं जिस पर केजरीवाल सरकार जवाब देने से बच रही है क्योंकि यह सवाल कही न कही केजरीवाल सरकार को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं।

भाजपा मांग करती है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल स्वयं सामने आए और पावर डिस्कॉम के 6 वर्ष से रुके हुए ऑडिट, सभी गरीबों को बिजली सब्सिडी सुनिश्चित ना करने, पावर डिस्कॉम के डी.ई.आर.सी. द्वारा ऑडिट अनिवार्य ना करने, सीधा सी.ए.जी. से ऑडिट ना कराकर केवल उनसे जुड़े ऑडिटर से ऑडिट की बात करने और पाॅवर डिस्कॉम के ऑडिट संबंधित सर्वोच्च न्यायालय की केस को लंबित पड़े रहने संबंधित पांच सवालों का जवाब दें।

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा है कि यह समझ से परे है कि केजरीवाल सरकार ने पिछले 6 साल में 13549 करोड़ रुपये सब्सिडी के रूप में पावर डिस्कॉम को दिया है और आखिर क्यों ना तो वह उस सब्सिडी का ऑडिट कराना चाहती है और ना ही वे सब्सिडी उपभोक्ताओं के खाते में देना चाहती है।

सचदेवा ने कहा है कि पावर सब्सिडी के खेल का एक सच यह भी है कि आज भी दिल्ली में किराये के मकानों में रह रहे गरीबों को पावर सब्सिडी का कोई लाभ नहीं मिल रहा है और 2019 में घोषित केजरीवाल सरकार की किरायेदार बिजली मीटर योजना का कोई अता पता नहीं है।

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा है कि केजरीवाल सरकार का सब्सिडी खेल भ्रष्टाचार का खेल है और भाजपा मांग करती है कि सभी उपभोक्ताओं को पहली 200 यूनिट बिजली खपत पर सब्सिडी का लाभ दिया जाए।।