टेन न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली (14/04/2023): केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वाशिंगटन DC में ‘उद्यमियों और नेताओं के रूप में महिलाओं को सशक्त बनाने’ पर एक पैनल चर्चा में भाग लिया। इस दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 2014 में भारत सरकार द्वारा एक प्रमुख योजना शुरू की गई कि प्रत्येक भारतीय के पास बैंक खाता हो। सरकार द्वारा छोटे व्यवसायों के लिए ऋण को बढ़ाया गया। मुद्रा ऋण में, 390 मिलियन का ऋण दिया गया है। इसमें से 68% ऋण महिलाओं को दिया गया।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि अगर 100 लोगों को कौशल के साथ प्रशिक्षित किया जाता है जो रोजगार के लिए उपयोगी हैं, तो भर्ती किए गए सभी लोगों में से 68% महिलाएं हैं। यह बताता है कि अगर महिलाओं के पास कौशल है तो वो आगे बढ़ने के लिए किस प्रकार तैयार हैं। इसलिए हम महिलाओं को कुशल बनाने में निवेश करना होगा।
उन्होंने आगे कहा कि “2014 में, जब वित्तीय समावेशन कार्यक्रम एक प्रमुख तरीके से शुरू किया गया था। पीएम मोदी की पहली पंक्ति यह थी कि इसे भारत के लिए केवल महिला-केंद्रित होने के बजाय महिलाओं के नेतृत्व वाला विकास होना चाहिए ।”
निर्मला सीतारमण ने कहा कि मुझे लगता है कि दुनिया के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के लिए सकारात्मक रूप से बहुत कुछ हो रहा है। मुझे लगता है कि हम सभी को इसका हिस्सा बनना चाहिए। बड़े परिवर्तन, बड़े कार्य जो महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए हो रहे हैं, हम में से प्रत्येक को इसका हिस्सा होना चाहिए।