टेन न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली (09/04/2023): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को कर्नाटक के मैसूर पहुंचे हैं जहां उन्होंने टाइगर प्रोजेक्ट के 50 वर्ष पूरे होने पर एक स्मरणोत्सव कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इसके साथ ही परियोजना के 50 वर्ष पूरे होने पर प्रकाशन अमृत काल का विजन फॉर टाइगर कंजर्वेशन और स्मारक सिक्का भी जारी किया।
पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि “प्रोजेक्ट टाइगर की सफलता न केवल भारत के लिए बल्कि विश्व के लिए भी गर्व की बात है। भारत ने न केवल बाघों का संरक्षण किया है बल्कि उन्हें फलने-फूलने के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र भी दिया है। भारत एक ऐसा देश है जहां प्रकृति की रक्षा करना संस्कृति का हिस्सा है। यही कारण है कि विश्व के केवल 2.4% भूमि क्षेत्र के साथ वन्यजीव संरक्षण में इसकी कई अनूठी उपलब्धियाँ हैं, भारत ज्ञात वैश्विक जैव विविधता का लगभग 8% योगदान देता है।”
पीएम मोदी ने कहा कि “जब अनेक टाइगर रिजर्व देशों में उनकी आबादी स्थिर है या आबादी घट रही है तो फिर भारत में तेजी से बढ़ क्यों रही है? इसका उत्तर है भारत की परंपरा, भारत की संस्कृति और भारत के समाज में बायो डायवर्सिटी को लेकर, पर्यावरण को लेकर हमारा स्वाभाविक आग्रह।”
पीएम मोदी ने कहा कि “बिग कैट्स की वजह से टाइगर रिजर्व पर्यटकों की संख्या बढ़ी और इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली है। बिग कैट्स की मौजूदगी ने हर जगह स्थानीय लोगों के जीवन और वहां की ecology पर सकारात्मक असर डाला है। दशकों पहले भारत से चीता विलुप्त हो गया था। हम इस शानदार बिग कैट को नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से भारत लेकर आए हैं। ये एक बिग कैट का पहला सफल ट्रांस-कॉन्टिनेंटल ट्रांसलोकेशन है। कुछ दिन पहले ही कूनो नेशनल पार्क में 4 सुंदर शावकों ने जन्म लिया है।”
उन्होंने आगे कहा कि “मानवता का बेहतर भविष्य तभी संभव है, जब हमारा पर्यावरण सुरक्षित रहेगा, हमारा बायो डायवर्सिटी का विस्तार होता रहेगा। ये दायित्व हम सभी का है, पूरे विश्व का है। इसी भावना को हम अपनी G-20 अध्यक्षता के दौरान निरंतर प्रोत्साहित भी कर रहे हैं।”
पीएम मोदी ने अपील करते हुए कहा कि “मिशन लाइफ यानी, लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट के विजन को समझने में भी आदिवासी समाज की जीवनशैली से बहुत मदद मिलती है। इसलिए आप सबसे मेरा आग्रह है कि आदिवासी समाज के जीवन और परंपरा से कुछ न कुछ जरूर अपने देश और समाज के लिए लेकर जाएं।”