टेन न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली (04/04/2023): दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने आज यानी मंगलवार को दिल्ली के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सचिव अमित सिंगला को सुझाव पत्र भेजा है। जिसमें दिल्ली महिला आयोग ने दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में यौन हिंसा की पीड़ितों की एमएलसी जांच कराने में देरी पर दिल्ली सरकार को सिफारिशें दी है। साथ ही उन्होंने दिल्ली सरकार से जल्द कार्यवाही रिपोर्ट की मांग की है और 30 दिनों के अंदर कार्यवाही रिपोर्ट सौंपने को कहा है।
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने ट्विटर पर पत्र को शेयर करते हुए ट्वीट में कहा है कि “दिल्ली के अस्पतालों में यौन शोषण पीड़िताओं की मेडिकल जाँच में बहुत समय लग रहा है। कुछ अस्पताल में तो ‘One Stop Centre’ भी नहीं हैं। पीड़ित लड़कों को तो और भी समस्या झेलनी पड़ रही है। ये ठीक नहीं है। हमने जाँच रिपोर्ट दिल्ली सरकार को सौंपी है। आशा है जल्द से जल्द कार्यवाही होगी।”
दिल्ली महिला आयोग की स्वाति मालीवाल ने ‘क्राइम इन इंडिया’ रिपोर्ट का जिक्र करते हुए अपने पत्र में कहा है, “2022 में प्रकाशित एनसीआरबी ‘क्राइम इन इंडिया’ रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली सबसे असुरक्षित महानगरीय शहर है और देश में महिलाओं के खिलाफ अपराध में 15% की वृद्धि हुई है। राजधानी में रोजाना करीब 6 रेप की घटनाएं हो रही हैं। अपराधों की खतरनाक संख्या के साथ-साथ यौन हमले के उत्तरजीवियों द्वारा सामना किए जाने वाले आघात की सीमा को ध्यान में रखते हुए, उत्तरजीवियों के लिए सहायता प्रणालियों को तत्काल मजबूत करने की आवश्यकता है।” उन्होंने आगे कहा कि “जैसा कि आप जानते हैं, DSLSA ने व्यापक मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) निर्धारित की थी, जिसके तहत सभी अस्पतालों में वन स्टॉप सेंटर (OSC) स्थापित किए जाने थे, ताकि यौन हमले के उत्तरजीवी को OSC में ही सभी सहायता सेवाएँ प्रदान की जा सकें। हालांकि, वर्तमान में, योजना को ठीक से लागू नहीं किया जा रहा है।”
उन्होंने कहा कि “दिल्ली महिला आयोग का रेप क्राइसिस सेल (आरसीसी) और क्राइसिस इंटरवेंशन सेंटर (सीआईसी) कार्यक्रम यौन हमले के उत्तरजीवियों को कानूनी, मनोवैज्ञानिक, सामाजिक और अन्य सहायता सेवाएं प्रदान करते हैं, मामले की रिपोर्ट किए जाने के समय से लेकर मुकदमे के समापन तक। सीआईसी के परामर्शदाताओं और यौन हमले के उत्तरजीवियों के अनुभव के माध्यम से, आयोग ने दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में एमएलसी परीक्षा आयोजित करने में काफी देरी देखी है।”
उन्होंने आगे कहा कि “इस संबंध में, आयोग ने दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में यौन हमले के उत्तरजीवियों द्वारा अनुभव की जा रही समस्याओं के कारणों का पता लगाने का प्रयास किया। आयोग द्वारा स्वास्थ्य विभाग को एक नोटिस जारी कर प्रत्येक सरकारी अस्पताल में इस उद्देश्य के लिए आवंटित बुनियादी ढाँचे और मानव संसाधन के बारे में विशेष जानकारी मांगी गई है, यौन उत्पीड़न उत्तरजीवियों की चिकित्सा जांच में देरी के कारणों सहित एसओपीएस का पालन किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग से मिला जवाब कई चिंताएं पैदा करता है। आयोग ने मामले की गहराई से जांच की है और इस पर विस्तृत सिफारिशें दी हैं।” उन्होंने अनुरोध करते हुए कहा कि “इन पर विचार करें और तीस दिनों के भीतर आयोग को इस मामले में की गई कार्रवाई रिपोर्ट प्रदान करें।”