टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली, (01/04/2023): भाजपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता शाजिया इल्मी ने कहा कि हज कमेटी का कार्यालय तुर्कमान गेट स्थित भवन में 1995 में तत्कालीन दिल्ली के मुख्यमंत्री मदनलाल खुराना ने स्थापित करवाया था और यह लगभग 3 दशक से वहाँ से हज यात्रियों की खिदमत कर रहा है। इस आवंटन को करवाने में भाजपा के तत्कालीन वरिष्ठ नेता सिकंदर बख्त, मोहम्मद इस्माइल, बेगम खुर्शीदा किदवई और बाबू चिरागुद्दीन कुरैशी की बड़ी भूमिका थी।
शाजिया इल्मी ने कहा कि यह भवन दिल्ली सरकार के दिल्ली अर्बन शेल्टर विकास बोर्ड की सम्पति है और गत 8 साल से आम आदमी पार्टी से जुड़े हुए दिल्ली हज कमेटी के अध्यक्ष रहे जिन्होंने कभी इस भवन का किराया नहीं भरा और लगभग एक दशक में 1 करोड़ 31 लाख का किराया एकत्र हो गया।
दिल्ली हज कमेटी की अध्यक्ष सुश्री कौसर जहाँ ने कहा कि यह खेदपूर्ण है कि आज जब हमें पूरी शिद्दत से हज यात्रा की तैयारी में जुटना चाहिए उस वक्त हमें अरविन्द केजरीवाल सरकार की घटिया राजनीति के कारण हज कमेटी का कार्यालय बचाने के लिये लड़ना पड़ रहा है।
कौसर जहाँ ने कहा कि कोई भी सच्चा मुसलमान यह कल्पना भी नहीं कर सकता की कोई सरकार रमज़ान के पवित्र महीने में दिल्ली हज कमेटी जैसी पाक संस्था का कार्यालय खाली करवाने की कोशिश कर सकती है। कौसर जहाँ ने कहा की 16 फरवरी, 2023 को दिल्ली हज कमेटी के अध्यक्ष के रूप में मेरा चुनाव हुआ था पर उस दिन से आज तक हज कमेटी के दो सदस्य जो आम आदमी पार्टी से जुड़े हैं विधायक हाजी यूनुस एवं अब्दुल रहमान एक भी मीटिंग में शामिल नहीं हुए ना ही हमसे कोई सम्पर्क रखते हैं।
उन पर राजनीतिक विरोध इतना हावी है कि वह हाजियों की खिदमत की तैयारी में कोई रूची नहीं ले रहे हैं। एक ओर दिल्ली सरकार हमारे रोजमर्रा के आफिस कामों को अटकाने की कोशिश करती रही है तो मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल या सम्बंधित मंत्री कैलाश गहलोत ने आज तक हज की तैयारी को लेकर हमारे खतों का कोई जवाब नही दिया है।
कौसर जहाँ ने कहा कि दो दिन पहले अचानक हमें केजरीवाल सरकार ने दिल्ली हज कमेटी कार्यालय खाली करने का नोटिस दे दिया है जिसके चलते आज दिल्ली ही नहीं देश का मुस्लिम समाज स्तब्ध है। अभी कुछ माह पूर्व तक हम सुनते थे कि केजरीवाल सरकार दिल्ली हज कमेटी का अपना कार्यालय भवन द्वारका में बनवाना चाहती है पर आज एक चुनाव हारते ही नये भवन की बात तो छोड़िये सरकार दिल्ली हज कमेटी के चलते कार्यालय को बंद करवाने की ओछी राजनीति पर उतर आई है।।